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मोदी सरकार को मार्च में ही था मालूम, कोरोना की दूसरी लहर होगी खतरनाक

वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने समय रहते ही केंद्र सरकार को कोरोना की दूसरी लहर को लेकर चेतावनी दे दी थी।

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Newstrack Network NetworkPublished By Dharmendra Singh
Published on: 3 May 2021 5:44 PM IST (Updated on: 4 May 2021 10:55 AM IST)
मोदी सरकार को मार्च में ही था मालूम, कोरोना की दूसरी लहर होगी खतरनाक
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नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मचाकर रख दी है। कोरोना संक्रमण की वजह से आम जनता के साथ ही पूरा सिस्टम बेहाल नजर आ रहा है। देश में कोरोना की उत्पन्न होने वाली इस स्थिति के बारे में मार्च में ही मोदी सरकार को जानकारी मिल गई थी। वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने समय रहते ही केंद्र सरकार को कोरोना की दूसरी लहर को लेकर चेतावनी दे दी थी। लेकिन केंद्र की सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उचित कार्रवाई नहीं की।

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय वैज्ञानिकों के एक पैनल ने मार्च की शुरुआत में ही कोरोना वायरस की दूसरी लहर और कोरोना वायरस वेरिएंट को लेकर मोदी सरकार को जानकारी दे दी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 4 भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत सरकार को चेतावनी दी थी। वैज्ञानिकों ने कहा था कि बड़े स्तर पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके। लेकिन सरकार ने कोरोना को लेकर कोई फैसला नहीं लिया।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सरकार वैज्ञानिकों की इस चेतावनी के बाद भी राजनीतिक चुनावी रैलियां कर रही थी वो भी बिना मास्क पहनें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी नेताओं और विपक्षी राजनेताओं द्वारा आयोजित धार्मिक समारोहों और राजनीतिक रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ शामिल हुई। वहीं नए कृषि कानूनों के खिलाफ नई दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन भी जारी रहा। जहां हजारों किसान बैठे हुए हैं।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर भारत के एक रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर ने नाम ना उजागर करने की शर्त पर बताया है कि 2021 के मार्च के शुरुआत में ही कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भारत जेनेटिक कंसोर्टियम (Insacog) ने आगाह किया था। भारत सरकार के मुख्य अधिकारियों के पास यह रिपोर्ट सीधे भेजी गई थी। यह अधिकारी सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को यह सारी ब्रीफिंग दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गौबा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।


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