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SCO Summit: एससीओ शिखर सम्मेलन को PM मोदी ने किया संबोधित, कहा: कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन मीटिंग को संबोधित करते कहा कि एससीओ की बैठक में भारत क्षेत्रीय सुरक्षा खासकर अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात कोरोना महामारी का असर एससीओ के सदस्यों की संख्या बढ़ाने और बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेगा। पीएम मोदी ऑनलाइन मीटिंग को संबोधित करेंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 17 Sept 2021 1:00 PM IST (Updated on: 17 Sept 2021 1:35 PM IST)
PM Narendra Modi addressed  SCO summit
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पीएम नरेंद्र मोदी। (Social Media) 

SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को शंघाई कोऑपरेशन आर्गेनाइजेशन (एससीओ) की बैठक को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कट्टरता दुनिया के लिए बड़ी मुसीबत है और हाल के अफगानिस्तान के घटनाक्रम ने चुनौती को ओर बढ़ा दिया है। पीएम मोदी ने ऑनलाइन बैठक को संबोधित करते हुए ईरान को एससीओ का नया सदस्य देश बनने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस साल हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह खुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं। मैं ईरान का एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। यह बैठक ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में चल रही है। इसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान और कुछ मध्य एशियाई देश भी शामिल हुए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी मीटिंग के लिए दुशांबे में उपस्थित हैं।

बढ़ती कट्टरता बड़ी चुनौती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में, प्रमुख चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से जुड़ी हैं। इन चुनौतियों का मुख्य कारण बढ़ता कट्टरपंथ है। अफगानिस्तान में हाल की घटनाओं ने वर्तमान स्थिति को और भी स्पष्ट कर दिया है। एससीओ को इस संबंध में सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है। पीएम मोदी ने कहा कि यदि हम इतिहास पर नजर डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट और प्रोग्रेसिव कल्चर और वैल्यूज का गढ़ रहा है। सूफीवाद जैसी परम्पराएं यहां सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मध्य पूर्व में कट्टरपंथ और उग्रवाद से लड़ने के लिए एससीओ को एक साझा खाका विकसित करना चाहिए। भारत सहित एससीओ में हर देश में इस्लाम से संबंधित उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संगठन और परंपराएं हैं। एससीओ को इन संगठनों के बीच एक मजबूत नेटवर्क बनाने के लिए काम करना चाहिए।

भारत ने अपनी विकास यात्रा में तकनीक का लिया सहारा

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले सालों में भारत ने अपनी विकास यात्रा में तकनीक का सफल सहारा लिया है। चाहे फाइनेंशियल इंक्लूजन बढ़ाने के लिए UPI और Rupay Card हों, या COVID से लड़ाई में हमारे आरोग्य-सेतु और COWIN जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है। इस बैठक में भारत क्षेत्रीय सुरक्षा खासकर अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात, कोरोना महामारी का असर, एससीओ के सदस्यों की संख्या बढ़ाने और बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करेगा।

इनके अलावा भारत एससीओ की आतंकरोधी नीतियों, आर्थिक सहयोग और एससीओ देशों में जनता के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा करेगा। बता दें कि पिछले हफ्ते ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग की मौजूदगी में कहा था कि कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए। चीन इस मांग को लेकर काफी सख्त रहा है।



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Deepak Kumar

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