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कोरोना की दूसरी लहरः स्कूल कॉलेज में फैला संक्रमण, युवाओं पर खतरा ज्यादा
बच्चे और वयस्क युवा जो अब तक असंक्रमित हैं उनके संक्रमण का खतरा अधिक है।
लखनऊ: देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार विकराल होती जा रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 15 अप्रैल तक यह अपने पीक पर पहुंच जाएगी। कोरोना की मौजूदा लहर स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों, सार्वजनिक परिवहन में बहुत तेजी से संक्रमण फैला रही है। COVID-19 का दूसरा उछाल बच्चों और युवा वयस्कों को उच्च खतरे में ला रहा है। खासकर उन लोगों के लिए जो पहली लहर में संक्रमण से बचे हुए थे। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यदि यह लहर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में फैल गई तो हालात बहुत गंभीर हो सकते हैं। विशेषज्ञों की चेतावनी और देश में संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि को देखते हुए सरकार ने 45 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का टीकाकरण शुरू कर दिया है।
असंक्रमित वयस्क युवा को खतरा ज्यादा
भारत में पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन के एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख गिरिधर आर. बाबू का कहना है कि बच्चे और वयस्क युवा जो अब तक असंक्रमित हैं उनके संक्रमण का खतरा अधिक है। स्कूल और कॉलेज अधिकांश राज्यों में खुल रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। वयस्क युवाओं ने कार्यालयों से फिर से काम करना शुरू कर दिया है। यह सब खतरा बढ़ा रहे हैं।
गिरिधर आर. बाबू का मत है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि कई राज्य संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और परिणामस्वरूप, देश दूसरी लहर में मामलों में वृद्धि देख रहा है। COVID-19 अध्ययन समूह के विशेषज्ञों द्वारा किए गए मॉडलिंग के कुछ परिणामों के आधार पर, इस लहर का शिखर मई, 2021 के आस-पास लगता है। यदि मामलों में वृद्धि तेजी से जारी रहती है, तो इसका स्वास्थ्य प्रणाली पर जबरदस्त असर पड़ेगा।
कोरोना के नए मामलों में इजाफा हो रहा है
लेकिन यदि एसबीआई की रिपोर्ट को देखें तो फरवरी के बाद से देश में कोरोना के नए मामलों में इजाफा हो रहा है जो साफ तौर पर दूसरी लहर है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 15 फरवरी से कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत मानी जाए तो यह करीब 100 दिनों तक रह सकती है। यानी अप्रैल मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर के चलने की भविष्यवाणी की गई है।
भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य रवि वानखेडकर का भी कहना है कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। होम कोरंटाइन की सुविधाओं की कमी ने संक्रमण की घटनाओं में वृद्धि की है।
बच्चों को बिना मास्क लगाए लोग घरों से बाहर ले जा रहे हैं
विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि होली में हुए संक्रमण की अब सामने आने की शुरुआत हो सकती है जो कि आंकड़ों को बहुत तेजी से बढ़ा सकता है। लोगों द्वारा बरती जा रही असावधानी को जिम्मेदार ठहराते हुए विशेषज्ञों ने कहा लोग सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। शादी ब्याह पार्टी के नाम पर लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। युवा दोस्तों के साथ सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। लोग बच्चों को बिना मास्क लगाए घरों से बाहर बाजारों में ले जा रहे हैं। जिससे स्थतियां घातक हो सकती हैं। टीकाकरण अभियान मृत्यु दर में कमी ला सकता है। लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए हमें खुद पहल करनी होगी तभी इससे बचा जा सकता है।