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जम्मू कश्मीर में कांपे आतंकी: शोपियां में सुरक्षाबलों ने दो को मार गिराए, मुठभेड़ जारी
Jammu and Kashmir Encounter: कश्मीर घाटी में पैर जमाए आतंकियों के सफाए के लिए बीते कुछ समय से सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर कार्रवाई कर रही है। अब तक कई खुंखार आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।
जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकीयों में मुठभेड़: Photo - Social Media
J&K: Security forces kill two terrorists in Shopian, encounter continues
Jammu and Kashmir Encounter: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में सुरक्षाबलों को आतंकियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। आतंकवाद (terrorism) से सबसे अधिक प्रभावित साउथ कश्मीर के शोपियां जिले के बडीगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। पुलिस अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अब तक दो आतंकी सुरक्षाबलों (Security forces) के गोली का निशाना बन चुके हैं। मुठभेड़ (Encounter) अभी भी जारी है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को घेर लिया है, खबर लिखे जाने तक दोनों तरफ से जबरदस्त फायरिंग हो रही है।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई
दरअसल, जम्मू कश्मीर पुलिस को शोपियां जिले के बडीगाम इलाके में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर पुलिस की टीम उक्त इलाके में पहुंची और उसे चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू करते हुए आतंकियों को सरेंडर करने को कहा। इतने में आतंकियों ने पुलिसकर्मियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। जिसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए प्रभावी जवाब दिया। समाचार लिखे जाने तक आंतकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। अब तक दो आतंकियों के मारे जाने की भी बात कही जा रही है।
सेना और पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन (joint operation of army and police)
कश्मीर घाटी में पैर जमाए आतंकियों के सफाए के लिए बीते कुछ समय से सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर कार्रवाई कर रही है। दोनों के संयुक्त ऑपरेशन में अब तक कई खुंखार आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। सेना और पुलिस की इस सख्ती ने घाटी में मौजूद आंतकियों की खींझ बढ़ा दी है। वहीं धारा 370 के समाप्ति के बाद से सेना ने वहां कार्रवाई और कड़ी कर दी है।
जम्मू कश्मीर के शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकीयों में मुठभेड़: Photo - Social Media
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना की सख्ती के चलते पिछले साल जनवरी से अब अब करीब 330 से अधिक आतंकी या को मारे जा चुके हैं या फिर उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।कश्मीर मामलों पर बेहतर समझ रखने वाले जानकारों का कहना है कि हालिया दिनों में सिविल आबादी को आतंकियों द्वारा टारगेट किया जाना, उनके इसी झल्लाहट का नतीजा है। कश्मीर में सामान्य हो रहे जनजीवन को लेकर वे खासे परेशान हैं। लिहाजा वे सॉफ्ट टारगेट को निशाना बना कर घाटी में एकबार फिर अस्थिरता और भय का दौर कायम करना चाहते हैं।