सेनारी नरसंहार केस: SC ने बिहार सरकार की याचिका की मंजूर, आरोपियों को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला

Senari Massacre Case: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार की याचिका मंजूर कर ली है।

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Newstrack NetworkPublished By Shreya
Published on: 12 July 2021 9:00 AM GMT
Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट (फोटो - सोशल मीडिया)

Senari Massacre Case: 18 मार्च, 1999 की रात जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में हुए चर्चित सेनारी नरसंहार मामले (Senari Massacre Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार (Bihar Government) की याचिका मंजूर कर ली है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले के सभी 13 आरोपियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने सुनवाई की है।

आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था। बिहार सरकार ने इसी फैसले के खिलाफ SC में याचिका दाखिल की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया है। दरअसल, सेनारी नरसंहार के लिए माओवादियों को जिम्मेदार माना गया था। इन पर सवर्ण जाति के 34 लोगों की हत्या करने का आरोप था, लेकिन पटना हाईकोर्ट के पैसे के बाद इन सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया था। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए सभी आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ अपील की है।

पटना हाईकोर्ट (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

क्या था पटना हाईकोर्ट का फैसला?

दरअसल, हाईकोर्ट ने 10 की मौत और 3 को आजीवन कारावास की सजा सुनाने का निचली अदालत का फैसला पलट दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्य एक दूसरे से मेल नहीं खाते हैं। साथ ही आरोपियों की पहचान की प्रक्रिया सही नहीं है। पुलिस ने पहचान की प्रक्रिया नहीं की है। वहीं, गवाहों ने आरोपियों की पहचान कोर्ट में की है, जो पुख्ता साक्ष्य की गिनती में नहीं है। ऐसे में संदेह का लाभ आरोपियों को मिलता है।

कोर्ट ने कहा था कि इस नरसंहार कांड में अभियोजन और पुलिस प्रशासन आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत पेश करने में असफल रहा। इस फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। सरकार ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश रिकॉर्ड में रखे गए सबूतों के विपरीत है और 13 चश्मदीद गवाहों की गवाही को खारिज कर दिया गया है। बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की है और कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट अपील का निपटारा नहीं कर देता तब तक सभी 13 आरोपियों को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए।

सेनारी नरसंहार में मारे गए लोग (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

क्या है सेनारी नरसंहार (Senari Massacre 1999)

18 मार्च, 1999 की रात प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी ने जहानाबाद जिले के सवर्ण बाहुल्य सेनारी गांव में 34 लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि उस दिन करीब 500-600 की संख्या में हथियारबंद लोगों ने सेनारी गांव पर हमला बोल दिया और गांव के सभी घर को घेर लिया था। इसके बाद 6 कातिल चुन-चुन कर एक जाति विशेष के पुरुषों को ठाकुरबाड़ी मंदिर ले गए और गर्दन रेतकर उन्हें मार डाला।

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