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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह BJP-RSS की तुलना रावण से करते हुए बोले- ऐसी महंगाई में कौन मुस्लिम चार बीवियां पाल सकता है

वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सभा सांसद में कहा कि ऐसी महंगाई में कौन मुस्लिम चार बीवियां पाल सकता है। उन्होंने ये भी दावा किया कि देश में मुस्लिमों की जन्म दर लगातार घट रही है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 8 Sept 2021 9:37 AM IST (Updated on: 8 Sept 2021 3:12 PM IST)
Congress General Secretary Digvijay Singh
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दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सभा सांसद में कहा कि ऐसी महंगाई में कौन मुस्लिम चार बीवियां पाल सकता है। उन्होंने ये भी दावा किया कि देश में मुस्लिमों की जन्म दर लगातार घट रही है। मुस्लिमों की जनसंख्या कभी भी इतनी नहीं बढ़ सकती कि वे संख्या बल में हिंदुओं को पछाड़कर बहुमत वाला समुदाय बन सकें।

दरअसल वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह यहां सामुदायिक सद्भाव पर आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे, जिसका आयोजन कांग्रेस, वाम दलों और मजदूर संगठनों ने मिलकर एक साथ किया था। इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने दक्षिण पंथी नेताओं और उनके संगठनों पर हल्ला बोलते हुए कहा, यह झूठा दुष्प्रचार किया जा रहा है कि बहुविवाह के जरिये मुस्लिमों की जनसंख्या में लगातार बढ़ोतरी के कारण अगले 10 साल में वे भारत में बहुमत वाला समुदाय बन जाएंगे, जबकि हिंदु घटकर अल्पसंख्यक रह जाएंगे।

मुस्लिमों की जनसंख्या लगातार घट रही

आगे उन्होंने कहा, मैं भागवत और छोटे संघ प्रचारकों को इस मुद्दे पर एक जन बहस के लिए चुनौती देता हूं। मैं साबित करूंगा कि मुस्लिम कभी हिंदुओं को पछाड़कर इस देश में एक बहुमत वाला समुदाय नहीं बन सकते, क्योंकि मुस्लिमों की जनसंख्या लगातार घट रही है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)

मंहगाई के मुद्दे पर दिग्विजय ने कहा, एक आम आदमी के लिए अपनी एक पत्नी और उससे पैदा हुए बच्चों का ही ऐसी महंगाई में पालना कठिन है। ऐसे हालात में कौन सा मुस्लिम चार पत्नियों और उनसे पैदा हुए बच्चों का बोझ उठा सकता है?

इसके साथ ही राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सांप्रदायिक भाजपा और आरएसएस की आलोचना करने के लिए उनकी तुलना राक्षस रावण और उसके दस सिरों से करते हुए कहा कि भाजपा और आरएसएस के शब्द व व्यवहार आपस में मेल नहीं खाते हैं। रावण के दस सिर थे और वह उनके जरिये अलग-अलग बात बोलता था।

इसी को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, एकतरफ संघ कार्यकर्ता सांप्रदायिक जहर फैला रहे हैं और दूसरी तरफ संघ प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि हिंदुओं और मुस्लिमों का डीएनए समान है। मैं भागवत को एक खुली बहस की चुनौती देता हूं। यदि हिंदुओं और मुस्लिमों के डीएनए समान हैं तो क्यों सांप्रदायिक घृणा फैलाई जा रही है और 'लव जिहाद' जैसे मुद्दों की क्या जरूरत है?




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