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Shaheed Diwas: शहीदों की याद में कितने शहीद दिवस
Shaheed Diwas: 23 मार्च आज देश शहीद या शहीदी दिवस मना रहा है। अपने प्यारे आँखों के नूर तीन क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को याद कर रहा है।
Shaheed Diwas: शहीदों के चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मरने वालों का बाकी यही निशां होगा।
खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है, देश की रक्षा का संकल्प लिए जो जवान सरहद पर खड़ा है।
अपनी आज़ादी को हम हरगिज भुला सकते नहीं, सर कटा सकते है लेकिन सर झुका सकते नहीं।
सैकड़ो परिंदे आसमान पर आज नज़र आने लगे, शहीदो ने दिखाई है राह उन्हें आजादी से उड़ने की।
वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है, मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।
जान लिया था उन्होंने वतन से ज्यादा और कोई धर्म नहीं होता, मानते थे वो वीर इस तिरंगे से बड़ा और कोई कफ़न नहीं होता|
देश के शहीदो को नमन। देश के शहीदों को शत् शत् नमन|
23 मार्च आज देश शहीद या शहीदी दिवस (shaheed diwas) मना रहा है। अपने प्यारे आँखों के नूर तीन क्रांतिकारियों भगत सिंह (Bhagat Singh), राजगुरू (Rajguru) और सुखदेव (Sukhdev) को याद कर रहा है। जिन्होंने हंसते हुए फांसी के फंदे को चूमा था। भगत सिंह की प्रतिज्ञा के मुताबिक उनकी वधू मौत बनी थी। भगत सिंह सिख थे जिनका जन्म बंगा गांव में हुआ था। लायलपुर जिले का ये गांव अब पाकिस्तान में है। मौत तय जानते हुए भी फांसी पर लटका जाए से पहले कैदियों की सुविधाओं के लिए भगत सिंह ने 116 दिन की भूख हड़ताल की थी।
इसी तरह सुखदेव की बात करें तो इनका पूरा नाम सुखदेव थापर था। सुखदेव लाहौर में पैदा हुए थे। इन्होंने अनगिनत क्रांतिकारी घटनाओं में हिस्सा लिया। सुखदेव को मुख्यतः लाहौर षडयंत्र केस के लिए जाना जाता है। जिसमें लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सांडर्स का वध किया गया था।
23 मार्च शहीद दिवस के तीसरे शलाका पुरुष और स्तंभ थे राजगुरु। जिन का पूरा नाम शिवराम हरि राजगुरु था। इनका जन्म महाराष्ट्र के पुणे जिले के खेडा गांव में हुआ था। ये महज 16 साल की उम्र में हिंदुस्तान रिपब्लि कन आर्मी में शामिल हो गए थे। बाद में इनके सम्मान में इनके जन्मस्थान खेड का नाम बदलकर राजगुरुनगर कर दिया गया।
देश में कितने शहीद दिवस मनाए जाते हैं?
लेकिन आज हम आपको एक खास बात बताने जा रहे हैं। शायद आपको पता न हो कि देश में कितने शहीद दिवस मनाए जाते हैं। दो तो सबको याद होंगे एक महात्मा गांधी का शहीद दिवस 30 जनवरी और दूसरा सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाए जाने का दिन 23 मार्च लेकिन इसके अलावा भी कुछ शहीद दिवस मनाए जाते हैं
27 मई को आन के धनी प्रताप सिंह बारहठ का बलिदान दिवस (balidan diwas 27 may)। इनका जन्म राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा के पास देवपुरा गाव में हुआ था। और अंग्रेजों की यातनाओं की सहते हुए शहीद हुए थे।
बता दें कि देश में 21 अक्टूबर को भी शहीद दिवस (shaheed diwas 21 October) मनाया जाता है। यह शहीद दिवस पुलिस द्वारा मनाया जाने वाला शहीद दिवस है। इस दिन 1959 में चीनी सेना द्वारा घात लगाकर किये गए हमले में केन्द्रीय पुलिस बल के जवान लद्दाख में शहीद हुए थे।
इसी तरह 17 नवंबर को भी शहीद दिवस (shaheed diwas 17 November)ओडीसा में मनाया जाता है। यह दिन लाला लाजपत राय की शहादत की याद में मनाया जाता है।
और 19 नवंबर को शहीद दिवस (shaheed diwas 19 November)) झांसी में मनाया जाता है इस दिन झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हुआ था।