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शरद पवार भी मोदी के मुरीद, बताई प्रधानमंत्री की खासियत, काम को अंजाम पर पहुंचाकर ही दम लेते हैं पीएम
Sharad Pawar Praises PM Modi: शरद पवार ने कहा कि मोदी किसी भी काम को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं और तमाम व्यस्तताओं बावजूद पूरा समय देते हैं।
Sharad Pawar Praises PM Modi: भाजपा (BJP) के खिलाफ मजबूर सियासी लड़ाई लड़ने वाले एनसीपी मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की जमकर तारीफ की है। पवार ने बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पीएम मोदी का काम करने का अलग अंदाज है और जब वे किसी काम को अपने हाथ में लेते हैं तो उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही दम लेते हैं।
पवार ने कहा कि मोदी किसी भी काम को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं और तमाम व्यस्तताओं बावजूद पूरा समय देते हैं। सहयोगियों को साथ लेकर काम करने की उनकी शैली पूर्व प्रधानमंत्रियों से पूरी तरह अलग है। एनसीपी मुखिया ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान वे और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) गुजरात के सीएम के रूप में मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति ((vindictive politics) के पूरी तरह खिलाफ थे।
प्रधानमंत्री की प्रशासन पर मजबूत पकड़
शरद पवार को विपक्ष का मजबूत चेहरा माना जाता है और इन दिनों वे 2024 की सियासी जंग में पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ विपक्ष का मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। महाराष्ट्र में भी उन्होंने कांग्रेस (congress) और शिवसेना (Shivsena) के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन (gathbandhan) बनाया है और यह गठबंधन अभी तक भाजपा को सत्ता से दूर रखने में कामयाब रहा है।
ऐसे में पवार ने पीएम मोदी की खुलकर प्रशंसा करके हर किसी को चौंका दिया। पवार ने कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के संबंध में अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की प्रशासन पर मजबूत पकड़ है और इस कारण वे अपने काम को पूरा करने में कामयाब होते हैं। यह उनका मजबूत पक्ष है जो उनके कामयाब होने में मददगार बनता है।
पूर्व प्रधानमंत्रियों से अलग शैली
एनसीपी मुखिया ने कहा कि जब भी मोदी किसी काम को अपने हाथ में लेते हैं तो उनकी पूरी कोशिश होती है कि वे काम को निष्कर्ष तक पहुंचा सकें। अपनी सरकार की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में भी पीएम मोदी पूरी ताकत लगाते हैं। वे इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि सहयोगियों और प्रशासन की मदद से नीतियों को सफलतापूर्वक कैसे क्रियान्वित किया जाए। अपने सहयोगियों को साथ लेकर काम करने में भी उनका कोई जोड़ नहीं है और उनकी यह शैली पूर्व प्रधानमंत्रियों से उनको पूरी तरह अलग करती है। उनके काम करने का अंदाज ऐसा है जिसके कारण किसी भी काम को पूरा करने में उन्हें मदद मिलती है।
एनसीपी के साथ गठबंधन चाहते थे पीएम
पवार ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे दल के साथ गठबंधन की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा एनसीपी के साथ मिलकर काम करने की इच्छुक थी मगर मैंने प्रधानमंत्री से स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा संभव नहीं है। मैंने प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में ही स्पष्ट तौर पर कहा था कि एनसीपी का भाजपा के साथ गठजोड़ संभव नहीं है और इस बारे में मैं उन्हें अंधेरे में नहीं रखना चाहता था।
पवार ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ अपने भतीजे अजीत पवार के जाने के प्रकरण की भी चर्चा की। पवार ने कहा कि मैंने अजीत पवार को देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए नहीं कहा था अगर मैंने अजीत को देवेंद्र फडणवीस के पास भेजा होता तो मैंने उस काम को अंजाम तक पहुंचाया होता। पवार ने कहा कि उस समय कांग्रेस के साथ हमारे रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे और संभव है भाजपा ने इसी कारण एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की होगी।
बदले की राजनीति के पक्ष में नहीं थे मनमोहन
पवार ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उस समय मेरी और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की राय थी कि मोदी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यूपीए सरकार के समय मेरे अलावा कोई दूसरा ऐसा मंत्री नहीं था जो मोदी के साथ बातचीत कर सके। इसका कारण यह था कि मोदी हमेशा मनमोहन सरकार पर हमलावर रवैया अपनाए रहते थे। मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल के समय कई सरकारी एजेंसियां उनके पीछे पड़ी हुई थीं। उस समय की याद दिलाते हुए पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि मेरा और मनमोहन सिंह का मानना था कि बदले की भावना से कोई भी काम नहीं किया जाना चाहिए।
पवार ने कहा कि यूपीए की आंतरिक बैठकों में वे हमेशा कहा करते थे कि भले ही मोदी से हमारे मतभेद हों मगर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने जनादेश हासिल करके गुजरात में सरकार बनाई है और ऐसे में मतभेदों का समाधान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनके राज्य के लोगों के हितों की अनदेखी भी नहीं की जानी चाहिए।