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34 हजार करोड़ के राकेश झुनझुनवाला ला रहे हैं अपनी एयरलाइन्स
अपनी एयरलाइंस लाने की तैयारी में शेयर बाजार के सबसे बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला
नई दिल्ली: शेयर बाजार (Share Market) के गुरु और बड़े निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) अब अपनी एयरलाइन्स लाने वाले हैं। उनकी 'आकास एयरलाइंस' को नागरिक उड्डयन मंत्रालय से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट मिल गया है। भारत के वारेन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में निवेश से आज 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक की दौलत बना ली है।
आकास एयरलाइन्स एक बजट एयरलाइन्स होगी। इसकी कम्पनी का नाम है एसएनवी एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और इंडिगो के पूर्व अध्यक्ष आदित्य घोष, राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) और जेट एयरवेज के पूर्व सीईओ विनय दुबे आकास के सह-संस्थापक होंगे। विनय दुबे इसके सीईओ होंगे। 2022 की गर्मियों से इसकी उड़ानें शुरू हो जाएंगी। नई एयरलाइन कंपनी के बोर्ड में इंडिगो के पूर्व प्रेसीडेंट आदित्य घोष शामिल हैं।
नई एयरलाइन में राकेश झुनझुनवाला की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी हो सकती है। वह इस कंपनी में 35 मिलियन डॉलर का निवेश करने पर विचार कर रहे हैं। आकास एयर में अगले 4 साल में 70 विमान शामिल किये जा सकते हैं। जिसके लिए बोइंग और एयरबस से बातचीत चल रही है।
आकास एयर और तीन अन्य एयरलाइंस ने शेड्यूल एयर पैसेंजर्स सर्विस और एयर कार्गो सर्विस शुरू करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय से एनओसी के लिए अगस्त 2021 में आवेदन किया था।
बबिग बुल झुनझुनवाला
राकेश झुनझुनवाला एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उन्हें उनके निवेशों के लिए भारत का वारेन बफे कहा जाता है। उनकी कंपनी का नाम 'रेयर एंटरप्राइजेज' है। राकेश झुनझुनवाला मुंबई में एक अग्रवाल परिवार में जन्मे। उनके पिता मुंबई में आयकर आयुक्त थे। राकेश झुनझुनवाला का झुकाव बचपन से ही शेयर बाजार में था। उन्होंने अपने शुरुआती दौर में 5000 रुपये का बिजनेस में निवेश किया। अब भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल हो गए हैं।
शेयर ट्रेडिंग से कमाई
टाटा समूह की एक कंपनी ने झुनझुनवाला को बिगबुल बना दिया। उन्होंने 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन में पैसे लगाए। तब उन्होंने तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के छह करोड़ शेयर खरीदे। अभी झुनझुनवाला के पास टाइटन के करीब 4.5 करोड़ शेयर हैं, जिनकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से अधिक है। 1986 में राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा लाभ 5 लाख रुपये था। 1986-89 के दौरान अपने अनुभव से उन्होंने 20 लाख रुपये से अधिक का लाभ कमाया।