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Shobha Karandlaje: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरू कर आज यूनियन कैबिनेट में पहुंची, इनकी कहानी है प्रेरणादायी
Shobha Karandlaje: बुधवार को कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। देश के हर कोने से सांसदों को शामिल किया गया है। इस बार के विस्तार में टेक्नोक्रेट्स और ब्यूरोक्रेट्स को भी मौका दिया गया है।
Shobha Karandlaje: बुधवार को कैबिनेट मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। देश के हर कोने से सांसदों को शामिल किया गया है। इस बार के विस्तार में टेक्नोक्रेट्स और ब्यूरोक्रेट्स को भी मौका दिया गया है। कुछ लोग एकेडमिक सेक्टर से आए तो कुछ पूर्व अधिकारी हैं। इसी संदर्भ में कर्नाटक के सशक्त महिला राजनीतिज्ञ शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) भी शामिल हुई। तो आइए जानते हैं कौन है शोभा करंदलाजे (Who is Shobha Karandlaje )...
शोभा करंदलाजे आज के दौर की सबसे सशक्त महिला राजनीतिज्ञों में से एक हैं। शोभा करंदलाजे का जन्म 23 अक्टूबर 1966 में कर्नाटक में हुआ। शोभा करंदलाजे भारतीय जनता पार्टी के सबसे उग्र चेहरों में से एक हैं। इस समय शोभा करंदलाजे केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत हैं। इसके साथ ही शोभा करांदलाजे उडुप्पी- चिकमंगलुरु से दूसरी बार सांसद बन चुकी हैं। शुरुआत में शोभा करादलाजे सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर थीं। इसके अलावा वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की करीबी विश्वासपात्र मानी जाती हैं।
शोभा करंदलाजे की शुरुआती जीवन
आज के वक्त में शोभा करंदलाजे बीजेपी की शान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं शोभा करंदलाजी का शुरुआती जीवन (shobha karandlaje ki suruwati jiwan) कैसा रहा। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे शोभा करंदलाजे के शुरुआती जीवन के बारें में। बता दें कि शोभा करंदलाजे कर्नाटक के पुत्तूर की रहने वाली हैं। शोभा का रुझाव राजनीति में बचपन से था। यही वजह है कि वह बहुत कम उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गई। शोभा करंदलाजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला कार्यकर्ताओं में से एक मानी जाती हैं। राजनीति में आने से पहले वह सबसे पहले आरएसएस को प्राथमिकता दी।
शोभा करंदलाजे का करियर (shobha karandlaje ka career)
आज के दौर में शोभा करंदलाजे पहचान की मोहताज नहीं हैं। शोभा करंदलाजे इस समय भारतीय जनता पार्टी के मुख्य चेहरा में से एक हैं। इनकी पढ़ाई मैसूर की ओपन यूनिवर्सिट से हुई। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल ऑफ सोशल वर्क रोशनी निलय से पढ़ाई की। सिर्फ इतना ही नहीं शोभा करंदलाजे ने समाजशास्त्र और मास्टर ऑफ सोशल वर्क में एमए मैंगलोर यूनिवर्सिटी से पूरा किया है।
शोभा करंदलाजे का राजनीतिक करियर
वैसे तो शोभा बहुत कम उम्र में राजनीति में आ गई। साल 2004 में शोभा करंदलाजे कर्नाटक के उडुप्पी- चिकमंगलुरू से एमएलसी के रूप में चुनी गई। इससे पहले वह भारतीय जनता पार्टी में कार्यरत थीं। शोभा करंदलाजे ने मई साल 2008 में बैंगलोर के यशवंतपुर से विधायक चुनी गई। जिसके बाद वब बी एस येदियुरप्पा सरकार में ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री के पद पर नियुक्त हुई। शोभा करंदलाजे जब आरडीपीआर मंत्री पद पर कार्यरत थीं तो उनके प्रदर्शन खूब सराहा गया। लेकिन साल 2009 में किसी कारणवश उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उसके एक साल बाद साल 2010 में वह फिर वापस आई और इस बार उन्हें ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
शोभा करंदलाजे जगदीश शेट्टार मंत्रालय में बिजली मंत्री पद पर नियुक्त थीं। इसके साथ ही वह खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रभारी भी थीं। इसके बाद शोभा करंदलाजे ने भाजपा पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के साथ साल 2012 में केजेपी सरकार में शामिल हो गई। जिसके बाद वे केजेपी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुई। इसके बाद वे साल 2013 में राजाजी नगर से विधानसभा चुनाव लड़ी। जिसमें वह तीसरे स्थान पर रहीं।
लौट आई बीजेपी में
आपको बता दें कि शोभा करंदलाजे ने साल 2014 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में वापस लौट आई। उस समय केजेपी पार्टी का विलय भाजपा में हुआ। जिसके बाद वह उडुपी चिकमगलूर से साल 2014 में भारतीय आम चुनाव लड़ी और इसके साथ ही वह भारी मतों से जीत गई। इसके बाद वह साल 2019 में एक बार फिर भारतीय आम चुनाव लड़ी और दूसरी बार वह भारी मतों से जीत हासिल की।
शोभा करंदलाजे की विवादों से है पुराना नाता
गौरतलब है कि शोभा करंदलाजे मोदी टीम के नए चेहरे में से एक हैं। शोभा करंदलाजे का विवादों से रिश्ता चोली और दामन जैसा है। बताया जाता है कि शोभा करंदलाजे ने कर्नाटक के एक दलित नाबालिग लड़की पर भड़काऊ पोस्ट किया था। जिसके बाद उनपर भारतीय दंड संहिता के तहत धारा 153 और 503 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस भड़काऊ ट्वीट ने काफी सुर्खिया बटोरी। सिर्फ इतना ही नहीं केरल पुलिस ने उनपर गुमराह करने और गलत जानकरी फैलाने के लिए धारा 153(a),IPC 120, के तहत मामला दर्ज किया। बताया जाता है कि शोभा करंदलाजे ने दलित लड़की के साथ बलात्कार और लोगों में दंगा फैलाने इसके साथ अफवाह फैलाने का भी आरोप लगा था।