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Singhu Border : सिंघू बार्डर पर किसानों की बड़ी बैठक आज, ले सकते हैं बड़ा फैसला

Singhu Border : किसानों की मांगों को माने जाने के बाद उन मांगों को पूरा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी तक का सरकार को अल्टीमेटम दिया था आज वह अवधि पूरी हो रही है।

Ramkrishna Vajpei
Report Ramkrishna VajpeiPublished By Ragini Sinha
Published on: 15 Jan 2022 11:43 AM IST (Updated on: 15 Jan 2022 11:51 AM IST)
Singhu border par farmer meeting
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Singhu Border : सिंघू बार्डर पर किसानों की बड़ी बैठक आज( सोशल मीडिया)

Singhu Border : संयुक्त किसान मोर्चा की आज सिंधु बॉर्डर पर महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। मकर संक्रांति पर्व पर होने वाली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये जा सकते हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की मांगों को माने जाने के बाद उन मांगों को पूरा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी तक का सरकार को अल्टीमेटम दिया था आज वह अवधि पूरी हो रही है।

अपनी जमीन बचाने के लिए किसानों को लड़ाई आगे भी जारी रहेगी

गौरतलब है कि कल ही किसान नेता राकेश टिकैत यह कह चुके हैं कि कासिन आंदोलन अभी खत्म नहीं बल्कि शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई आगे भी जारी रखनी होगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किसानों की सिंधू बार्डर पर आज होने वाली बैठक में टिकैत शामिल होंगे या नहीं।

तय होगा आंदोलन का भविष्य

संयुक्त किसान मोर्चा दिसंबर के पहले सप्ताह में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद निलंबित किए गए आंदोलन के भविष्य के कदम की रूपरेखा तय करने के लिए सिंघू सीमा शिविर में यह समीक्षा बैठक कर रहा है।

आज होगी बैठक

मोर्चा के लोगों ने कहा है कि लगभग छह सप्ताह बीतने के बाद भी एमएसपी और अन्य मुद्दों पर समिति के गठन के बारे में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। एसकेएम के प्रवक्ता ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की, "बैठक 15 जनवरी को सुबह 11 बजे होगी।

क्यों हुई थी आंदोलन की शुरुआत

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार ने किसान समुदाय के प्रतिनिधियों के रूप में कोई नाम नहीं मांगा है। आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ भी दर्ज मामलों को वापस लेने की बात नहीं हो रही है। किसान संगठनों ने 9 दिसंबर, 2021 को उनके 15 महीने के लंबे आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की थी, जो 2020 में संसद द्वारा पारित तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में शुरू किया गया था



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Ragini Sinha

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