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Smart City Mission: स्मार्ट सिटी का आधार है बेहतर जीवन और सुविधाएं
Smart City Mission : स्मार्ट सिटी का आधार शहर के लोगों को पानी, सीवर, ट्रांसपोर्ट, सफाई, इन्टरनेट आदि बेसिक सुविधायें उपलब्ध कराना है।
Smart City Mission : देश के समग्र विकास को बढ़ावा देने वाली स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) की शुरुआत शहरों को तकनीकी रूप से आगे बढ़ाने के लिए की गई है, ताकि लोगों का जीवन स्तर सुधर सके। स्मार्ट सिटी का आधार शहर के लोगों को पानी, सीवर, ट्रांसपोर्ट, सफाई, इन्टरनेट आदि बेसिक सुविधायें उपलब्ध कराना है। स्मार्ट सिटी मिशन देश के 100 शहरों का निर्माण करने के लिए एक शहरी विकास कार्यक्रम है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जून, 2015 में लॉन्च किया था। योजना के तहत इन शहरों में तकनीक को बढ़ावा दिए जाने के लिए काम किया जा रहा है ताकि स्मार्ट परिणाम मिल सकें। इसकी शुरुआत तकनीक की मदद से नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए की गई थी।
स्मार्ट सिटी मिशन की वेबसाइट के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 2017-2022 के बीच शहरों को वित्तीय सहायता देने की बात कही गई है। ऐसी उम्मीद है कि मिशन का परिणाम 2022 तक दिखना शुरू हो जाएगा।
स्मार्ट सिटी में शामिल सुविधाएं
बिजली की निश्चित आपूर्ति, पानी की पर्याप्त आपूर्ति, बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा, बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता, गरीबों के लिए किफायती आवास, बेहतर इन्टरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और नागरिक भागीदारी, नागरिकों की सुरक्षा, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा। स्वास्थ्य और शिक्षा तथा गुड गवर्नेंस।
स्मार्ट शहरों का चुनाव
देश के हर राज्य से कम से कम एक-एक शहर को स्मार्ट बनाने की बात कही गयी है । लेकिन इस योजना के तहत चुने गए अब शहरों की संख्या काफी बढ़ गयी है। योजना के पहले चरण के तहत राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में संभावित स्मार्ट शहरों को स्कोरिंग मानदंड के आधार पर चुना जाता है । जिसमें यह देखा जाता है कि किस शहर में कितनी सुविधाएं हैं।वहां की जनसंख्या कितनी है। इस चरण के तहत विभिन्न शहरों के बीच प्रतियोगिता होती है। जिन शहरों का चुनाव होता है, उन्हें दूसरे चरण के लिए भेजा जाता है। दूसरे चरण में शहरी विकास मंत्रालय शहरों का चयन करता है।100 स्मार्ट शहरों के बीच राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता होती है। हर शहर अपना एक स्मार्ट सिटी प्रस्ताव यानी एससीपी पेश करता है, जिसमें वह बताता है कि वो किस प्रकार का विकास मॉडल चुनना चाहता है। शहरों को वहां मौजूद समस्याओं को खत्म करने के बारे में भी बताना होता है। फिर इन प्रस्तावों का मूल्यांकन एक समिति करती है। इस चरण में जिस भी शहर का चुनाव होता है, उसकी घोषणा शहरी विकास मंत्रालय करता है।
31 फीसदी आबादी शहरों में
भारत की वर्तमान जनसंख्या का लगभग 31 फीसदी शहरों में बसता है। इनका सकल घरेलू उत्पाद में 63 फीसदी का योगदान है। ऐसी उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक शहरी क्षेत्रों में भारत की आबादी का 40 फीसदी रहेगा।भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 75 फीसदी का होगा। यानी भारत का शहरीकरण बहुत तेजी से हो रहा है।
शहरीकरण के लिए भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास की आवश्यकता है। ये सभी जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा लोगों और निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण हैं। स्मार्ट सिटी का विकास इसी दिशा में एक कदम है।
स्मार्ट सिटी का विज़न
स्मार्ट सिटी लोगों की सबसे अहम जरूरतों और उनके जीवन में सुधार करने के लिए सबसे बड़े अवसरों पर ध्यान केंद्रित करता है। बदलाव के लिए दृष्टिकोण की श्रृंखला अपनाई जाती है - डिजिटल और सूचना प्रौद्योगिकी, शहरी योजनाओं की सर्वोत्तम प्रथाओं, सार्वजनिक-निजी साझेदारी, और नीति में बदलाव। हमेशा लोगों को प्राथमकिता दी जाती है।
स्मार्ट सिटी मिशन का विज़न ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएँ और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे। एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं स्मार्ट समाधानों के प्रयोग का मौका दें। विशेष ध्यान टिकाऊ और समावेशी विकास पर है। एक रेप्लिकेबल मॉडल बनाने के लिए है, जो ऐसे अन्य इच्छुक शहरों के लिए मिसाल का काम करेगा। स्मार्ट सिटी मिशन ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए है जिसे स्मार्ट सिटी के भीतर और बाहर दोहराया जा सके। विभिन्न क्षेत्रों और देश के हिस्सों में भी इसी तरह के स्मार्ट सिटी के सृजन को उत्प्रेरित किया जा सके।
स्मार्ट सिटी मिशन को सक्रिय रूप से प्रशासन और सुधारों में भाग लेने वाले स्मार्ट लोगों की आवश्यकता है। नागरिक भागीदारी शासन में एक औपचारिक भागीदारी की तुलना में काफी अधिक है। स्मार्ट लोगों की भागीदारी आईसीटी के बढ़ते उपयोग, विशेष रूप से मोबाइल आधारित उपकरणों के माध्यम से स्पेशल पर्पज व्हीकल द्वारा सक्रिय किया जायेगा।
स्मार्ट सिटी चैलेंज
इंडिया स्मार्ट सिटी चैलेंज एक प्रतियोगिता है, जो नगर निगम के अधिकारियों को निवासियों के जीवन में सुधार लाने के लिए स्मार्ट प्रस्तावों को विकसित करने में समर्थन एवं प्रेरणा के लिए है। पहले दौर में 100 शहर प्रतिस्पर्धा करेंगे जिसमें से सबसे अच्छा प्रस्ताव शहरी विकास मंत्रालय से धन प्राप्त करेगा।