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गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से झटका, FIR रद्द करने की याचिका को ठुकराते हुए जतायी नाराजगी
नाबालिक लड़की से रेप मामले के दोषी और पूर्व समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रजापति द्वारा उनके ऊपर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में मंत्री रह चुके गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapati) पर दर्ज FIR को रद्द करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को नागवार गुजरी है। शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की याचिका को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब एफआईआई दर्ज करने पर कानूनी प्रक्रिय़ा के तहत हाईकोर्ट सुनवाई कर सकता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करने का क्या मतलब है। वहीं पूर्व सपा नेता गायत्री प्रजापति के वकील ने कहा कि मामले में आऱोपी दोषी करार दिया जा चुका है। अब इस याचिका कोई मतलब नहीं बनता है। मामले में अन्य याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है।
चित्रकूट जिले में नाबालिक लड़की से रेप के मामले में अदालत ने पूर्व मंत्री और उसके साथियों को दोषी करार दिया है। वहीं रेप पीड़िता का बीते एक साल से कोई अता-पता नहीं है। जिसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। गायत्री प्रजापति (Gayatri Prajapti) और उनके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आऱोप लगाने वाली पीड़िता के चित्रकूट स्थित घर पर एक साल से ताला लगा हुआ है।
पीड़िता पर मामला दर्ज होने के बाद उसकी कोई सूचना नहीं
पीड़िता के ऊपर दिल्ली और लखनऊ में दो मामले दर्ज हैं। इनमे एक मामला उसके वकील ने ही दर्ज करवाया है। पीड़िता के पड़ोसी औऱ रिश्तेदार भी उनके बारे में कोई जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीड़िता के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से वो गायब है। चित्रकूट जिले की सीतापुर कस्बे की रहने वाली पीड़िता ने खुद औऱ नाबालिक बेटी के साथ गायत्री प्रजापति औऱ उनके साथियों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
बताया जा रहा है कि पीडिता दो बेटियों औऱ एक बेटा के साथ अपने पति से अलग रहती है। उसका पति भी अपने भाई के साथ अलग रहता है। पीड़िता ने इस मामले में एकबार अपना बयान बदलकर सब को अचरज में डाल दिया था। इस दौरान उसकी बेटी गायत्री प्रजापति के खिलाफ अपने बयान पर कायम रही है। हालांकि बाद में वो भी अपने बयान पर कायम नहीं रह सकी।