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सुब्रमण्यम स्वामी ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का मुद्दा उठाया

Ram Setu Rashtriya Dharohar: सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कौन रोक रहा है।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Shreya
Published on: 12 Oct 2021 5:40 AM GMT (Updated on: 12 Oct 2021 7:21 AM GMT)
सुब्रमण्यम स्वामी ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का मुद्दा उठाया
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सुब्रमण्यम स्वामी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

Ram Setu Rashtriya Dharohar: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति से बेदखल किए गए भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर नया निशाना साधा (Subramanian Swamy Ka PM Modi Par Nishana) है। श्रीलंका की यात्रा पर जा रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने रामेश्वरम के निकट मौजूद रामसेतु (Ram Setu) की फोटो सोशल मीडिया (Social Media) पर साझा की है। इस फोटो के साथ उन्होंने लिखा है कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर (National Heritage) घोषित करने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कौन रोक रहा है।

ऐतिहासिक धरोहर है रामसेतु

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी लंबे अरसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं। इन दिनों वह श्रीलंका की निजी यात्रा पर हैं। श्रीलंका की हवाई यात्रा के दौरान उन्होंने रामेश्वरम के निकट रामसेतु का फोटो खींची। इसे सोशल मीडिया पर साझा किया है। फोटो के साथ उन्होंने यह भी लिखा है कि भारत और श्रीलंका के बीच रामसेतु ऐतिहासिक धरोहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे ऐतिहासिक विरासत स्मारक घोषित करने से अब कौन रोक रहा है।

सुब्रमण्यम दिला रहे पुराने एजेंडे की याद

प्रधानमंत्री पर सवाल उठाते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने यही याद दिलाने की कोशिश की है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में रामेश्वरम स्थित राम सेतु को तोड़ने का प्रस्ताव किया गया था। भारतीय जनता पार्टी और हिंदूवादी संगठनों ने इसका तीखा विरोध भी किया था। 2014 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ यह भी एक मुद्दा बना था। तब हिंदूवादी संगठनों ने कहा था कि भारत की प्राचीन विरासत को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। भारत के प्राचीन ज्ञान विज्ञान को कमतर आंकने की साजिश का यह हिस्सा है। इससे भारत के गौरव को ठेस पहुंचती है।

सुब्रमण्यम स्वामी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुराने एजेंडे की याद दिला रहे हैं। उनका आशय है कि सात साल पुरानी मोदी सरकार अगर इसे राष्ट्रीय स्मारक स्थल घोषित नहीं करती है तो इस पर खतरा बना रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास केंद्र में जिस तरह का बहुमत है , ऐसे में उनके लिए यह बेहद आसान है कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक स्थल का दर्जा दिया जाए। हालांकि उनकी इस टिप्पणी में व्यंग भी छुपा हुआ है। वह इस बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि उन्होंने सात साल के दौरान रामेश्वरम स्थित राम सेतु के संरक्षण की दिशा में कौन से कदम उठाए हैं।

नरेंद्र मोदी-सुब्रमण्यम स्वामी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी मोदी पर साधते रहे हैं निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीति नीति और कार्यशैली को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पहले भी सवाल खड़े करते रहे हैं। कुछ दिन पहले भी उन्होंने लद्दाख में चीनी सेना की मौजूदगी को लेकर प्रधानमंत्री के रवैये पर एतराज जताया था। उन्होंने प्रधानमंत्री पर चीन की अतिक्रमण कारी नीति के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए, कराने का आरोप लगाया था। मैंने कहा था कि आखिर भारत और चीन की सेनाओं की आपसी सहमत से पीछे हटने की खबरों का छल हम लोग कब तक करते रहेंगे। चीनी सैनिक आखिर देपसांग से पीछे क्यों नहीं हट रहे हैं। वहां पर क्यों बने हुए हैं।

सोशल मीडिया पर एक यूजर के सवाल का जवाब देते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि मोदी सरकार को लद्दाख सीमा पर चार काम करने चाहिए । सबसे पहले तो सरकार को मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई 18 मुलाकातों का एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। जिससे देश के साथ ही दुनिया को भी पता चले कि चीन के साथ भारत की कब-कब क्या-क्या वार्ता हुई और किस तरह से चीन पहले किए गए वादों को भुलाता रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री को अपनी चीन की सीमा पर कोई आया नहीं ,कोई गया नहीं , वाली टिप्पणी को वापस लेना चाहिए। चीन को आक्रामक घोषित करते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी देनी चाहिए। फेक आईडी वाले ट्विटर ग्रुप की जांच कराने का भी सुझाव दिया है।

स्वामी की ओर से लगातार प्रधानमंत्री की भूमिका पर उठाए जा रहे सवालों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके बावजूद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपना अंदाज नहीं बदला है। अब भी प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पर उन्होंने रामेश्वरम के राम सेतु का मुद्दा उठाया है जो हिंदू जन भावनाओं से जुड़ा हुआ है।

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