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Sudha Bharadwaj Bail: 3 वर्षों से जेल में बंद सुधा भारद्वाज आज होंगी रिहा, जानें क्या हैं जमानत की शर्तें
Sudha Bharadwaj Bail: सुधा भारद्वाज पर 31 दिसंबर 2017 में भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था ।
Sudha Bharadwaj Bail: भीमा कोरेगांव केस (Bhima Koregaon case) में पिछले तीन साल से जेल में बंद सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj ) आज शाम जेल से रिहा हो सकती हैं । विशेष एनआईए अदालत (Special NIA Court) ने आज बुधवार के दिन कहा कि वकील-कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये के नकद मुचलके पर जेल से रिहा किया जाएगा । सुधा भारद्वाज पर 31 दिसंबर 2017 में भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था । कोर्ट ने सुधा भारद्वाज को 50,000 रुपये नकद जमा करने की अनुमति दी है । जिसके बाद ही वो जेल से बाहर आ सकती हैं । वो इस समय मुंबई की भायखला जेल में हैं।
आपको बता दें, 60 साल की सुधा ट्रेड-यूनियनिस्ट, कार्यकर्ता और वकील हैं । ये तीन दशकों से अधिक समय तक छत्तीसगढ़ रही और वही काम (Sudha Bharadwaj work) किया । छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा की सक्रिय सदस्य रही हैं। सुधा भारद्वाज का बचपन बोस्टन यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम में बिता । लेकिन 11 साल की उम्र में वह अपनी मां के साथ दिल्ली चली आईं थी ।
शिक्षा की बात की जाए तो सुधा 1979 में आईआईटी कानपुर के एकीकृत गणित (पांच वर्षीय) कार्यक्रम में शामिल हुईं थी। इसी दौरान NSS भी ज्वाइन किया, जाति-ग्रस्त ग्रामीण इलाकों में पढ़ाया। यहाँ से निकलने के बाद उन्होंने दिल्ली में कुछ वर्षों तक डीपीएस में पढ़ाया । सुधा ने किताब 'बर्बर विस्थापन और बहादुराना प्रतिरोध' लिखी है ।
रखी गयी ये शर्ते
जेल से रिहा होने पर कई शर्त भी रखी गयी है जिसमें उन्हें अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र के भीतर रहना होगा और उनकी अनुमति के बिना मुंबई छोड़कर नहीं जा सकती । सुधा उन 16 कार्यकर्ताओं में एक ऐसी हैं जिन्हें डिफॉल्ट बेल दी गयी है । 31 दिसंबर 2017 में भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था । 28 अगस्त 2018 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था । एल्गार परिषद में उनके भाषण के चलते ही कोरेगांव-भीमा स्मारक के पास हिंसा हुई थी । जिसमें माओवादी इसका समर्थन करते नज़र आये थे ।