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उम्र कैद की सजा को गैंगस्टर अबू सलेम की चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 बम धमाकों के दोषी अबू सलेम की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Krishna
Published on: 2 Feb 2022 4:25 PM GMT
उम्र कैद की सजा को गैंगस्टर अबू सलेम की चुनौती, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
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1993 मुंबई बम धमाकों का दोषी गैंगस्टर अबू सलेम (फाइल तस्वीर)

नई दिल्ली: 1993 बम धमाकों के दोषी गैंगस्टर अबू सलेम की एक याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अबू सलेम (Abu Salem) ने सुप्रीम कोर्ट में उम्रकैद के खिलाफ याचिका लगायी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से इस याचिका पर विचार कर 4 हफ्ते में जवाब देने को कहा है।

गैंगस्टर अबू सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा था कि भारत सरकार द्वारा पुर्तगाल से उसके प्रत्यर्पण की शर्तों के अनुसार उसकी सजा 25 वर्षों से अधिक नहीं बढ़ाई जा सकती। लेकिन मुंबई की टाडा अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है जो प्रत्यर्पण की शर्तों का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है। अदालत में सलेम की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ऋषि मल्होत्रा (Rishi Malhotra) ने कहा कि उसे 2002 में पुर्तगाल से हिरासत में लिया गया था, लिहाजा उसकी सजा पर उस तारीख से विचार किया जाना चाहिए न कि 2005 से, जब उसे भारतीय अधिकारियों को सुपुर्द किया गया।

टाडा अदालत द्वारा सलेम को जो सजा दी गई है वो पुर्तगाल सरकार के साथ हुए प्रत्यर्पण की शर्तों के खिलाफ है। टाडा कोर्ट भले ही कह चुकी हो कि वो सरकार के शर्तों को मानने के लिए बाध्य नहीं है। लेकिन सर्वोच्च अदालत के पास इस मामले में राहत देने की शक्ति है। सलेम के वकील की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एम.एम. सुंदरेश ने सलेम की याचिका पर केंद्र सरकार औऱ महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है।

बताते चलें कि 1993 में हुए मुंबई में विस्फोटों में उसकी संलिप्तता पाए जाने के बाद अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसकी सजा वो काट रहा है। इसके अलावा गैगस्टर अबू सलेम 1995 में हुए बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या का भी अभियुक्त है। सलेम को 20 सितंबर 2002 को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन से गिरफ्तार किया गया था। 2005 में भारत सरकार और पुर्तगाल सरकार के बीच हुए प्रत्यर्पण संधि के बाद उसे भारत को सौंपा गया। प्रत्यर्पण के दौरान लिस्बन कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि उसे फांसी की सजा नहीं दी सकती। ऐसे में सुप्रीम कोर्टे के आदेश पर सलेम की याचिका पर सरकार क्या जवाब देती है इसपर नजर रहेगी।

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