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Bitcoin: बिटक्वाइन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी सफाई, कहा- स्पष्ट करें यह वैध है या नहीं

Bitcoin: जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ (Justice YV Chandrachud) और जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) की बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को बिटक्वाइन अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 25 Feb 2022 2:38 PM IST
Bitcoin: Supreme Court seeks clarification from the central government on bitcoin, said - clarify whether it is valid or not
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बिटक्वाइन पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश : Photo - Social Media

New Delhi: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने केंद्र सरकार (Central government) से यह स्पष्ट करने को कहा है कि बिटक्वाइन (bitcoin) लीगल है या नहीं। जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ (Justice YV Chandrachud) और जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) की बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को बिटक्वाइन अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया। हाल के दिनों में देश में काफी संख्या में लोग बिटकॉइन में निवेश कर रहे हैं।

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भी कुछ दिनों पूर्व संसद में बजट पेश करने के दौरान डिजिटल संपत्तियों (digital assets) का उल्लेख किया था। उन्होंने डिजिटल संपत्तियों पर 30 फ़ीसदी कर लगाने की बात कही थी।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट में गेन बिटकॉइन घोटाले (gain bitcoin scam) के आरोपी अजय भारद्वाज (Ajay Bhardwaj) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। केंद्र सरकार की तरफ से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी (Additional Solicitor General Aishwarya Bhati) कोर्ट में पेश हुई थीं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने भाटी से सवाल किया कि क्या बिटकॉइन अवैध है या नहीं। बेंच ने कहा कि आपको इस मुद्दे पर अपना रुख पूरी तरह स्पष्ट करना चाहिए।

गेन बिटकॉइन घोटाला: Photo - Social Media

भारद्वाज पर अपने भाई अमित के साथ मिलकर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है। भारद्वाज पर आरोप है कि उसने भारी रिटर्न वाली मार्केटिंग स्कीम चलाकर निवेशकों को गुमराह किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही अपना रुख स्पष्ट किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण: Photo - Social Media

वित्त मंत्री ने की थी कर लगाने की घोषणा

वैसे हाल में पेश किए गए बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों (virtual digital assets) का विशेष रूप से उल्लेख किया था। अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण (virtual digital asset transfer) पर होने वाली आय पर 30 फ़ीसदी कर लगाया जाएगा। हाल के दिनों में भारत में भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति में निवेश का चलन काफी बढ़ चुका है और वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में भी इस बढ़ते चलन का उल्लेख किया था।

वित्त मंत्री का कहना था कि वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के सौदों में असाधारण बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी कारण सरकार ने इस संबंध में एक विशिष्ट कर व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है। इसी कड़ी में उन्होंने इन परिसंपत्तियों से होने वाली आय पर 30 फ़ीसदी कर लगाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि सरकार ने इसकी वैधता को स्वीकार कर लिया है।

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