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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, कोविड वैक्‍सीन का दाम अलग-अलग क्‍यों?

कोर्ट ने पूछा कि अलग-अलग दवा निर्माता कंपनियां अलग-अलग दाम लेकर सामने आई हैं। केंद्र इस मामले में क्‍या कर रही है।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 27 April 2021 5:21 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, कोविड वैक्‍सीन का दाम अलग-अलग क्‍यों?
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सुप्रीम कोर्ट (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से पूछा है कि कोविड वैक्‍सीन का देश में अलग- अलग लोगों के लिए अलग दाम क्‍यों है। कोर्ट ने बेहद तल्‍ख अंदाज में पूछा कि इसके पीछे कौन सा विवेक व तर्क है। सरकार एक शपथ पत्र देकर इसका जवाब दे।

महामारी के दौरान जरूरी वस्‍तुओं व सेवाओं को सब तक पहुंचाने की व्‍यवस्‍था पर स्‍वत: संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्‍यीय खंडपीठ सुनवाई कर रही है। न्‍यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, एल नागेश्‍वर राव और एस रवींद्र भट की पीठ ने सुनवाई के दौरान इस बात पर चिंता जताई कि कोविड वैक्‍सीन के दाम अलग-अलग रखे गए हैं। न्‍यायमूर्ति एस रविंद्र भट ने केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि अलग-अलग दवा निर्माता कंपनियां अलग-अलग दाम लेकर सामने आई हैं। केंद्र सरकार इस मामले में क्‍या कर रही है। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार का ड्रग्‍स कंट्रोल एक्‍ट से दवाओं के दाम निर्धारित करने की जो शक्ति मिली हुई है, यह महामारी का समय शायद उस शक्ति के इस्‍तेमाल करने का सबसे उचित मौका है। यह वैश्‍विक महामारी और राष्‍ट्रीय संकट काल है। अगर केंद्र सरकार अपनी शक्ति का अभी प्रयोग नहीं करेगी तो आखिर कब करेगी?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा कि एक मई से जब 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्‍सीन दी जाएगी तो उसके लिए सरकार की क्‍या तैयारी है। आवश्‍यकता के अनुसार कैसे सरकार वैक्‍सीन मुहैया कराएगी। न्‍यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल से जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

कोरोना वैक्सीनेशन (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

क्‍या है वैक्‍सीन के मूल्‍य का मामला

केंद्र सरकार ने 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्‍सीन देने का एलान किया है। इस बीच वैक्‍सीन का उत्‍पादन करने वाली कंपनियों ने वैक्‍सीन मूल्‍य भी घोषित किया है। कोविशील्‍ड का उत्‍पादन करने वाली सीरम इंस्‍टीट्यूट जो केंद्र सरकार को 150 रुपये में वैक्‍सीन की आपूर्ति कर रही है उसने राज्‍य सरकार को 400 और निजी अस्‍पतालों को 600 रुपये में वैक्‍सीन आपूर्ति करने का एलान किया है। दूसरी ओर भारत सरकार के सहयोग से वैक्‍सीन का निर्माण करने वाली भारत बॉयोएन्‍टेक ने राज्‍य सरकार को 600 और निजी अस्‍पताल को 1200 रुपये में वैक्‍सीन देने का एलान किया है।

केरल हाईकोर्ट ने भी जारी किया नोटिस

इसी बीच मंगलवार को ही केरल हाईकोर्ट ने भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर कहा है कि वह जवाब देकर बताए कि उसकी टीकाकरण नीति में अलग –अलग मूल्‍य क्‍यों है। अलग-अलग मूल्‍य निर्धारण क्‍या पक्षपात नहीं है?

Chitra Singh

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