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Supreme Court: राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ SC में आज फैसला, पूरे देश को है इसका इंतजार
बिहार चुनाव से जुड़े राजनीति के अपराधीकरण सह अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का 'सुप्रीम फैसला' है आज देश में बड़ा बदलाव हो सकता है।
Supreme Court: भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो गये लेकिन हमारे देश की राजनीति में अपराध और अपराधी नेता फल-फूल रहे हैं। यानी कि हमारे देश की राजनीति का अपराधीकरण बढ़ता जा रहा है। देश के चुनावी प्रक्रिया में पार्टियां अपराधी किस्म के प्रत्याशियों को टिकट देने से गुरेज नहीं करती हैं। इसी मामले में बिहार चुनाव से जुड़े राजनीति के अपराधीकरण सह अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का 'सुप्रीम फैसला' है आज देश में बड़ा बदलाव हो सकता है।
राजनीति में अपराधीकरण सबसे बड़ा वायरस है जो देश को अन्दर ही अन्दर खोखला कर रहा है। ऐसे में आज के फैसले से उम्मीद है। आज सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले पर देश की निगाहें टिकी हैं। क्या यह फैसला राजनीति के अपराधीकरण के खिलाफ मंगलकारी साबित होगा? आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव की बेला में फैसला 'अमृत' साबित हो सकता है।
दागियों ने आपराधिक जानकारी नहीं दी
बिहार गणतंत्र की धरती है। आपको बता दें कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर 470 दागियों ने चुनाव में हिस्सा लिया, लेकिन दागियों ने आपराधिक जानकारी जगजाहिर नहीं की अपने आपराधिक रिकार्ड को छुपाया। यह अवमानना मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। गत 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित हो गया था। आज फैसले की घड़ी है।
किन पार्टियों ने कितने दागियों को उतारा चुनाव के मैदान में
पिछले बिहार के चुनाव में राजद के सर्वाधिक 104 दागी उम्मीदवार मैदान में थे। भाजपा ने 77 दागी उम्मीदवार लड़ाए। सुशासन बाबू नीतीश कुमार के जदयू ने 56 तो लोजपा ने 67 दागियों पर दांव लगाया। कांग्रेस ने 45, रालोसपा ने 57, बसपा ने 29 तो एनसीपी ने 26 दागी उम्मीदवार दिए।
फैसला देश के लिए नजीर साबित हो सकता है
आपको जानकार हैरानी होगी कि क्रांति की बात करने वाले वाम दल भाकपा ने 5 तो माकपा ने 4 दागी उम्मीदवार उतारे। जस्टिस आरएफ नरीमन और जस्टिस बीआर गवई की पीठ अवमानना के मामले में फैसला सुनाएगी, जो देश के लिए नजीर साबित हो सकती है।