×

तालिबान के आने से अलकायदा स्टाइल हमले का खतरा बढ़ा, खौफ में दुनिया के देश

तालिबान राज आने के बाद न सिर्फ यहां के लोग खौफजदा हैं, बल्कि पूरी दुनिया में आतंकियों का खौफ देखा जा रहा है।

Network
Newstrack NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 10 Sep 2021 6:05 PM GMT
Taliban
X

तालिबान लड़कों की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद न सिर्फ यहां के लोग खौफजदा हैं, बल्कि पूरी दुनिया में आतंकियों का खौफ देखा जा रहा है। दुनिया पर आतंकी हमलों का खतरा बढ़ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि 20 साल बाद एकबार फिर अफगानिस्तान आतंकियों का मजबूत गढ़ बन गया है। वहीं यूके के एक जासूस ने बड़ा अंदेशा जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि पश्चिमी देशों में तालिबान का प्रभुत्व स्थापित होने से दुनिया के देशों पर अलकायदा स्टाइल आतंकी हमले का खतरा बढ़ गया है। वहीं खबरों की मानें तो तालिबान में गठित अंतरिम सरकार में 14 ऐसे चेहरे हैं जिनका नाम संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है।

हालांकि अफगानिस्तान में तालिबान राज आने से सबसे ज्यादा खतरा यूके सहित अमेरिका के समर्थक देशों को है क्योंकि तालिबान लड़ाके पिछले 20 वर्षों से अमेरिकी सैनिकों से संघर्ष करते आ रहे हैं। एक हिसाब से देखा जाए तो यहां तालिबान राज स्थापति होने से अमेरिका की बड़ी हार हुई है। ऐसे में जब अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार और नाटो की सेना जा चुकी है तो खतरा और बढ़ गया है। यूके के जासूस ने कहा है कि आतंकवादी खतरे इतनी आसानी से नहीं टलते। ट्रेनिंग कैंपों को खड़ा करने में वक्त लगता है।


एमआई5 के डायरेक्टर जनरल कैन मेकलम के इस बयान के आद अमेरिका की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि वह अलकायदा स्टाइल हमलों को देख चुके हैं। वहीं सरकार गठन के बाद तालिबान फिर अपने ​पुराने रूप में लौट रहा है। उसका खौफ अफगानिस्तान के नागरिकों में साफ देखा जा रहा है। तालिबान की तरफ से शुरुआत में आश्वस्त किया गया था कि महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को बहाल किया जाएगा जबकि महिलाओं के हक और अधिकारों को छीन लिया गया है। उनकी आजादी पर पहरा लगा दिया गया है।

तालिबान कैबिनेट में शामिल 33 चेहरों में एक भी महिला को शामिल नहीं किया गया है। उनकी पढ़ाई पर भी काफी हद तक रोक लगा दी गई है। क्लास में पर्दे लगा दिए गए हैं, जिससे लड़की लड़कों से घुल मिल न सकें।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

Next Story