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कौन थे दक्षिणामूर्ति जो पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे

साधारण से दिखने वाले करुणानिधि बाद में तमिलनाडु की राजनीति में परिवर्तन का अग्रदूत बने। करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shashi kant gautam
Published on: 3 Jun 2021 1:12 PM IST
M Karunanidhi Birthday special
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एम करूणानिधि: फोटो साभार-सोशल मीडिया 

M Karunanidhi Birthday Special: 3 जून 1924 को थिरुवरूर के पास तिरुक्कुवलई में जन्मे तमिलनाडु (Tamil Nadu) के अलैग्नर को तो आप जानते ही होंगे। अगर ये नाम नहीं सुना तो कोई बात नहीं आठवीं पास दक्षिणामूर्ति को जरूर जानते होंगे जो तमिलनाडु का पांच बार मुख्यमंत्री बना। जिनके तीन पत्नियां थीं। पद्मावती, दयालु अम्मल और रजती अम्मल। और चार बेटे और दो बेटियां हैं।

अब तो आप समझ ही गए होंगे यहां बात तमिलनाडु के शलाका पुरुष एम करुणानिधि (M Karunanidhi) की हो रही है जिनका जन्म का नाम दक्षिणामूर्ति था। इनकी मां का नाम अंजुगम था और पिता का नाम मुथुवेल था। यह ईसाई वेलार समुदाय से आते हैं और उनके पूर्वज थिरुवरूर निवासी थे। उनकी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा तिरुक्कुवलई और बाद में थिरुवरूर में हुई। किशोरावस्था में ही करुणानिधि को लिखने का शौक लग गया था। विभिन्न तमिल नेताओं के बारे में वह राजनीतिक लेखन किया करते थे। उन्होंने मानव नेसन नामक एक पत्रिका शुरू की जिसे बाद में मुरासोली नामक दैनिक समाचार पत्र के रूप में बदल दिया गया।


यह साधारण सा करुणानिधि बाद में तमिलनाडु की राजनीतिक में परिवर्तन का अग्रदूत बना। करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने।1969 में करुणानिधि पहली बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। वे द्रमुक के अध्यक्ष भी बने। इसके बाद 1971 में उन्होंने दूसरी बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। 1989 में वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। 1996 में चौथी बार और 2006 में पांचवीं बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

1957 में करुणानिधि ने तमिलनाडु विधानसभा में प्रवेश किया था

इससे पहले 1967 में करुणानिधि को तमिलनाडु सरकार के लोक निर्माण विभाग में मंत्री पद दिया गया। हालांकि 1962 तमिलनाडु विधानसभा में वह विपक्ष के उप नेता बने थे। 1961 में उन्हें द्रमुक का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया था और 1957 में करुणानिधि ने कुलिथालाई निर्वाचन क्षेत्र से तमिलनाडु विधानसभा में प्रवेश किया था।

करुणानिधि के बेटों के नाम एमके मुथू, जिन्हें पद्मावती ने जन्म दिया था, जबकि एमके अलागिरी, एमके स्टालिन (M K Stalin) एमके तमिलरासू और बेटी सेल्वी दयालु अम्मल की संतानें हैं। दूसरी बेटी कनिमोझी तीसरी पत्नी रजती से हैं।


एक सफल फिल्मी करियर

करुणानिधि का फिल्मी करियर भी सफल रहा। अपनी पहली ही फिल्म राजकुमारी से लोकप्रियता हासिल की। उनके द्वारा लिखी गई 75 पटकथाओं में राजकुमारी, अबिमन्यु, मंदिरी कुमारी, मरुद नाट्टू इलवरसी, मनामगन, देवकी, पराशक्ति, पनम, तिरुम्बिपार आदि शामिल हैं।

तमिल साहित्य को समृद्ध करने में भी करुणानिधि का अप्रतिम योगदान रहा। उनके द्वारा लिखित पुस्तकों में रोमपुरी पांडियन, तेनपांडि सिंगम, वेल्लीकिलमई, नेंजुकू नीदि, इनियावई इरुपद, संग तमिल, कुरालोवियम, पोन्नर शंकर, तिरुक्कुरल उरई आदि शामिल हैं। गद्य और पद्य में लिखी उनकी पुस्तकों की संख्या 100 से भी अधिक है। उन्होंने मनिमागुडम, ओरे रदम, पालानीअप्पन, तुक्कु मेडइ, कागिदप्पू, नाने एरिवाली, वेल्लिक्किलमई, उद्यासूरियन और सिलप्पदिकारम नाटक लिखे।



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Shashi kant gautam

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