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Terrorists Attacks: आखिर बीजेपी नेता ही क्यों बनते हैं आतंकियों का निशाना

Terrorists Attacks: एक बार फिर भाजपा के नेता आतंकियों के निशाने पर हैं।

AKshita Pidiha
Written By AKshita PidihaPublished By Divyanshu Rao
Published on: 10 Aug 2021 2:23 PM IST
Terrorists Attacks
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आतंकवादी हमले का मुकाबला करते भारतीय सेना जवान (फाइल फोटो:सोशल मीडिया)

Terrorists Attacks: कल की खबरों से ज्ञात है कि एक बार फिर भाजपा के नेता आतंकियों के निशाने पर हैं। लश्कर ए तैयबा के आतंकियों ने जम्मू कश्मीर में भाजपा के सरपंच और उनकी पत्नि का कत्ल कर दिया। सोमवार की दोपहर 4 बजे के करीब लाल चौक इलाके से दो आतंकी घर में घुसे और सरपंच गुलाम रसूल डार और उनकी पत्नी जवाहरा बेगम को गोलियों से उड़ा दिया।

आतंकियों ने सरपंच गुलाम रसूल डार और उनकी पत्नी पर अंधाधुन बरसाई गोलियां

जवाहरा ने बिसह में आकर अपने पति को बचाने की कोशिश की तो आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा दी। यह घटना अनन्तनाग में हुई। इस साल ऐसी यह चौथी घटना है। जिसमें भाजपा नेता की मौत हुई है। घटना के समय सरपंच का बेटा श्रीनगर में था। इसके अलावा सुरक्षा कर्मी भी मौजूद नहीं था।

भारतीय सेना के जवान आतंकी हमले की जबाव देते हुए (फाइल फोटो:सोशल मीडिया)

घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आतंकी फरार

दोनो आतंकी घटना के बाद फरार हो गये। गुलाम डार कुलगाम जिले के रेड़वानी के सरपंच थे। उनकी पत्नी भी पंच थीं। कुलगाम में आतंकियों के निशाने से बचने के लिए वे अनन्तनाग में किराए के मकान में रह रहे थे। गुलाम डार आतंकियों के खिलाफ मुखर थे। वे किसान मोर्चा के सदस्य भी रहे हैं। गौरतलब है कि 05 अगस्त को गुलाम डार ने लालचौक पर तिरंगा फहराया था।

अक्सर आतंक के खिलाफ बोलने वाले की हत्या कर दी जाती है

अक्सर आतंक के खिलाफ बोलने वाले नेताओं की हत्या कर दी जाती है। पिछले सालों में कुछ ऐसी ही घटनाओं के माध्यम से ये अंदाज लगाया जा सकता है।जैसे कि अप्रेल 2021 में बीजेपी नेता मोहम्मद अनवर ख़ान के श्रीनगर के नौगाम स्थित घर पर इसी साल अप्रैल को चरमपंथी हमला हुआ था। हमले के समय अनवर ख़ान घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे इसलिए वो बच गए लेकिन हमले में उनके एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। पुलिस ने इस हमले के लिए चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को ज़िम्मेदार ठहराया।

जून 2021 में राकेश पंडिता की आतंकियों ने हत्या कर दी थी

जून 2021 - भाजपा पार्षद राकेश पंडिता की हत्या कर दी जाती है। जम्मू और कश्मीर से बीजेपी काउंसिलर राकेश पंडिता पुलवामा के त्राल इलाक़े में अपने मित्र से मुलाक़ात कर पहुंचे थे। रात क़रीब 10.15 बजे तीन अज्ञात बंदूकधारियों ने उन पर गोलियां चलाई। इस हमले में राकेश पंडिता बुरी तरह घायल हुए। बाद में अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।

जुलाई 2020- कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले में संदिग्ध चरमपंथियों ने 22 जुलाई 2020 को बीजेपी के पूर्व ज़िला अध्यक्ष शेख़ वसीम बारी, उनके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

अक्तूबर 2020 में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी

अक्तूबर 2020 में तीन बीजेपी कार्यकर्ता फ़िदा हुसैन याटू, उमर सिंह राशिद और उमर रमज़ान हजाम की मौत एक चरमपंथी हमले में हो गई थी। कुलगाम के वाईके पुरा के इलाक़े में शाम के वक़्त उनकी कार पर हमला हुआ था, जिसमें तीनों की मौत हो गई.

बीजेपी कार्यकर्ता अब्दुल हामिद नजर की हत्या

अगस्त 2020 में बड़गाम में बीजेपी कार्यकर्ता अब्दुल हामिद नजर पर अज्ञात लोगों ने गालियां चलाई थीं। अब्दुल हामिद को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के कुछ दिन पहले सज्जाद अहमद खांडे नाम के एक सरपंच और बीजेपी कार्यकर्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

अगस्त 2018 में पुलवामा में बंदूकधारियों शब्बीर अहमद बट की गोली मारकर हत्या कर दी

अगस्त 2018 में पुलवामा में बंदूकधारियों ने बीजेपी नेता शब्बीर अहमद बट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। चरमपंथियों ने उनके घर के पास से अगवा कर लिया था। जिसके बाद गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई। उनका शव बाद में रख-ए-लित्तर गांव के पास मिला।

नवंबर 2017 में बीजेपी के शोपियां ज़िले के अध्यक्ष और बीजेपी यूथ विंग के नेता गौहर अहमद बट की गला काट कर हत्या कर दी गई थी। 30 साल के गौहर का शव दो नवंबर 2017 को किलूरा के एक बागीचे से मिला था। पुलिस के अनुसार उनके घर से बाहर से उन्हें अगवा कर उनकी हत्या की गई थी।

शोपियां के बोनगाम के रहने वाले गौहर बट तीन साल पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे। साल 2014 में कुलगाम ज़िले के नूराबाद के निवासी मुश्ताक़ के घर पर साल 2014 में हमला किया गया था। हमले के बाद मुश्ताक़ परिवार समेत श्रीनगर में रहने लगे। हमले के वक़्त मुश्ताक़ घर पर मौजूद नहीं थे। मुश्ताक 22 साल के थे जबसे भाजपा से जुड़े थे।

क्यों बढ़ रहे भाजपा नेताओं पर हमले

घाटी में बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ रही है और अब कश्मीर में कई पंचायतों में पार्टी के पंच हैं। डीडीसी और बीडीसी चुनावों में भी पार्टी के कार्यकर्ता जीते हैं। इसके पीछे एक कारण अनुच्छेद 370 को हटाना हो। चरमपंथी भी नहीं चाहते थे कि आर्टिकल 370 हटे। आर्टिकल हटने के बाद हमारे लोगों के लिए ख़तरा और भी बढ़ गया है।

घाटी की कुछ पार्टियों करती है धारा 370 हटने का विरोध

कुछ लोग का मानना है की बीजेपी नेताओं को सुरक्षा अच्छे ढंग से नहीं दी जा रही है। घाटी इलाकों में कुछ ऐसी भी पार्टियां हैं जो मिलकर 370 के खत्म होने का विरोध करती है। जिससे चरमपंथियों को बल मिलता है। और भाजपा नेताओं के खिलाफ आक्रोश हत्या के रूप में बाहर आता है। अन्य कई मामले में चरमपंथी केंद्र सरकार की तब्दीलियों से नाराज है। जिसकी वजह से भी ये हत्याएं होती रही हैं।

आतंकी चाहते हैं कि केंद्र की सरकार जम्मू कश्मीर पर अपनी हुकूमत नहीं फैलाये। जिसके लिए वे ऐसी कायराना हरकत करके दहशत फैलाने की कोशिश करते हैं।

बीजेपी नेताओं के अलावा पीडीपी के नेताओं को भी बनाया जा रहा निशाना

हालांकि बीजेपी के अलावा पीडीपी के नेताओं को भी निशाना बनाया जाता है। आतंकवादी इन दिनों रोज ही जम्मू कश्मीर के इलाकों में हमला करके अपनी उपस्थिति सक्रिय रूप से फिर से दर्ज कर रहे हैं। जिससे हमारी सेना मिलकर मुकाबला करते हुए उनके मंसूबो को नाकाम कर रही है।



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Divyanshu Rao

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