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Kashmiri Pandit: अंतरराष्ट्रीय संस्था ने माना, कश्मीरी पंडितों का हुआ जातीय और सांस्कृतिक नरसंहार

Kashmiri Pandit: कश्मीरी पंडितों पर बने फिल्म द कश्मीर फाइल्स के बाद अब अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने भी माना कि कश्मीरी पंडितों जातीय और सांस्कृतिक नरसंहार हुआ।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 28 March 2022 9:05 PM IST
ICHRRF admits ethnic and cultural genocide of Kashmiri Pandits
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कश्मीरी पंडित (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Kashmiri Pandit : कुछ रोज पहले परदे पर कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) का दर्द बयां करने वाली फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) के आने के बाद दुनियाभर में इस समुदाय़ को लेकर लोगों का समर्थन सामने आने लगा है। तीन दशक पहले अपने पुरखों की जमीन से बेदखल किए गए कश्मीरी पंडित समुदाय ने एक ऐसा अत्याचार झेला है, जिसके जख्म शायद ही कभी भर पाएंगे। जिस निर्ममता से उनकी त्रासदी को एक षड्यंत्र के तहत भूलाने की कोशिश की गई, वो उनके लिए और अधिक कष्टदायक रहा।

कश्मीरी पंडितों के साथ हुए बर्बर सलूक के 30 साल बाद आखिरकार अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ने भी मान लिया है कि उनका जातीय औऱ सांस्कृतिक नरसंहार किया गया था। अमेरिकी राजाधानी वाशिंगटन स्थित अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (International Commission for Human Rights and Religious Freedom) ने कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अमानीवयता और जुल्म को नरसंहार मानते हुए, इसमें शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया है। आईसीएचआरआरएफ (ICHRRF) ने इसे कश्मीरी हिंदूओं का नरसंहार मानते हुए इसे जातीय और सांस्कृतिक नरसंहार माना है।

कश्मीरी पंडितों ने बयां किया अपना दर्द

रविवार को इस संबंध में आईसीएचआरआरएफ मे एक सुनवाई हुई, जिसमें 1990 के दौरान कश्मीर घाटी में अत्याचार झेलने वाले कई कश्मीरी पंडित भी शामिल हुए। सुनवाई के दौरान ऐसे 12 कश्मीरी पंडितों ने अपना दर्द बयां करते हुए उस खौफनाक मंजर को बयां किया, जिससे वो किसी तरह से बचकर आए थे। आईसीएचआरआरएफ ने पीड़ित लोगों और हिंसा से बचे हुए लोगों की गवाही सुनने के बाद कश्मीरी पंडितों की त्रासदी को नरसंहार बताया।

कश्मीरी पंडितों की कहानियां सुनी जानी चाहिए

अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (ICHRRF) दुनियाभर में मानव अधिकारों औऱ धार्मिक स्वतंत्रता के लिए काम करने वाला संगठन है। आयोग ने रविवार को सुनवाई के बाद कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को मानवता के विरुद्ध अपराध भी करार दिया। साथ ही आयोग ने कहा कि इसमें बचे लोगों की गरिमा सुनिश्चित करने के लिए अपराध करने वालों को सजा दिलान में मानवाधिकर संगठन तत्पर है।

आईसीएचआरआरएफ ने अन्य मानवाधिकार संगठनों, इंटरनेशनल निकायों और सरकारों से इसे आधिकारिक रूप से नरसंहार करार देने के साथ – साथ इस पर कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान भी किया है। आयोग ने कहा कि दुनिया को कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार को सुनना चाहिए। आयोग ने माना है कि इन अत्याचारों के प्रति अतित में निष्क्रियता बरती गई है जिसपर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है।

बता दें कि भारत में कश्मीर फाइल्स सिनेमा आने के बाद एकबार फिर कश्मीरी पंडितों के घाटी से पलायन और उनके साथ हुए वहां अत्याचार को लेकर सियासत गर्म है। सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच इसपर जुबानी जंग जारी है। वहीं कश्मीरी पंडित 30 बाद भी अपनी वापसी न होने को लेकर हताश औऱ निराश हैं।



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Bishwajeet Kumar

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