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तीनों कृषि कानून वापसी का प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर, PM गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ अब अगले साल तक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद आज बुधवार को सरकार ने उस दिशा में अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। आज कैबिनेट बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।
Farm Laws Repeal Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद आज बुधवार को सरकार ने उस दिशा में अपना पहला कदम बढ़ा दिया है। आज कैबिनेट बैठक में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।
वहीं दूसरी ओर, कैबिनेट ने आज एक अहम फैसला लेते हुए गरीबों को मार्च 2022 तक मुफ्त राशन देने के लिए 'पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना' का विस्तार करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट के फैसलों को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी। उन्होंने बताया, कि पांचवें चरण के तहत खाद्यान्न पर 53,344.52 करोड़ रुपए की अनुमानित खाद्य सब्सिडी होगी।
तीनों कृषि कानून इसी सत्र में होंगे वापस
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में कृषि कानून वापसी के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया गया है। अब इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, कि 'आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की औपचारिकताएं पूरी कीं। संसद के आगामी सत्र के दौरान इन तीनों कानूनों को वापस लेना हमारी प्राथमिकता होगी।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार
बता दें, 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' की समय सीमा मोदी सरकार ने बढ़ा दी है। अब अगले साल यानी मार्च 2022 तक मुफ्त राशन मिलता रहेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट (Modi Cabinet) की बैठक के बाद यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने कहा, कि इसपर कुल 53,344 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इस योजना से क़रीब 80 करोड़ लोगों को फ़ायदा मिलता रहेगा।
अब क्या?
बता दें, कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब इस बिल को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। इस बिल को 29 नवंबर 2021 से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Session) में पेश किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की सिफारिश पर कानून रद्द करने का बिल तैयार किया है।
ये हैं तीनों कृषि कानून, जिस पर मचा था बवाल
-कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
-कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
-आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
अब आगे क्या, जानें
जिन्हें नहीं पता उन्हें बता दें, कि अब क्या होगा ? तो, जिस तरह कानून बनाने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होती है। ठीक उसी तरह रद्द करने के लिए भी संसद की मंजूरी जरूरी होती है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल पर बहस होगी और मतदान किया जाएगा। इसके बाद बिल पास होते ही तीनों कृषि कानून रद्द हो जाएंगे।