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Jammu Kashmir: छड़ी मुबारक आज बाबा बर्फानी के दर्शन करेगी
पहलगाम की लिद्र नदी में सोमवार को विसर्जन के साथ समाप्त होगी छड़ी मुबारक...
रक्षाबंधन के अवसर पर आज छड़ी पूजन के पश्चात साधु संतों के साथ स्वामी अमरनाथ छड़ी मुबारक पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करेगी। इस दौरान भोलेनाथ के जय जयकार से पूरा माहौल शिवमय होगा। छड़ी मुबारक को श्रीनगर चॉपर से गुफा तक पहुंचाया जाएगा। इस साल बोर्ड को यात्रा में 6 लाख तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यात्रा नहीं करवाई जा सकी।
सोमवार को छड़ी मुबारक का ये होगा प्लान
महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में सीमित साधुओं के साथ छड़ी मुबारक आज चॉपर के माध्यम से पवित्र गुफा के लिए जाएगी। फिर सोमवार को पहलगाम के लिदर नदी में छड़ी विसर्जन पूजा के साथ समाप्त हो जाएगा। कोरोना महामारी के कारण लगातार दूसरी बार अमरनाथ यात्रा को रद्द किया गया। यात्रा रद्द होने के बाद अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से सभी पारंपरिक आध्यात्मिक गतिविधियों को संपन्न किया गया है।
यात्रा निवास और बोर्ड ऑफिस का निर्माण
बता दें कि, इस साल यात्रा रद्द होने के कारण पारंपरिक पहलगाम यात्रा को क्लीयर नहीं किया गया था, जिसके बाद छड़ी पारंपरिक रूप से इस रूट पर नहीं जा सकी। इससे पहले छड़ी मुबारक कश्मीर के कई मंदिरों में गई है। उस समय अमरेश्वर मंदिर में उपराज्यपाल और श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मनोज सिन्हा भी शामिल हुए थे। वहीं, आगे आने वाले दिनों में अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए यात्रा रूट पर यात्रियों के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। इसके लिए श्रीनगर के पंथा चौक पर 25 कनाल जमीन पर यात्री निवास और बोर्ड ऑफिस का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा रामबन में भी यात्रा निवास का भी निर्माण किया गया है।
कोरोना के कारण जल्दी रद्द करनी पड़ी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
अमरनाथ यात्रा के लिए 33 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण करवाया था। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन अप्रैल से शुरू की गई थी लेकिन कोरोना के कारण इसे 23 अप्रैल को ही बंद करना पड़ा था। श्राइन बोर्ड की ओर से रजिस्ट्रेशन यात्रियों को कोई सुविधा नहीं मिली। यात्रियों की मांग थी कि उन्हें उनके घरों तक बाबा बर्फानी का प्रसाद पहुंचा दिया जाए।
क्या होती है छड़ी मुबारक
छड़ी मुबारक की रस्म चांदी की एक छड़ी से जुड़ी हुई होती है। ऐसी मान्यता है कि इस छड़ी में भगवान शिव की अलौकिक शक्तियां होती है। जन कथाओं के अनुसार, महर्षि कश्यप ने यह छड़ी भगवान शिव को दी थी और उन्हें यह आदेश दिया था की इस छड़ी को हर साल अमरनाथ लाया जाए। इसी को लेकर रक्षाबंधन वाले दिन 'छड़ी मुबारक' अमरनाथ गुफा पहुंचती है। 'छड़ी मुबारक' की पूजा-अर्चना के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो जाती है।