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Mamata Banerjee news: तृणमूल कांग्रेस BACK FOOT पर, अब कांग्रेस से हाथ मिलाने को तैयार
Mamata Banerjee news: TMC प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने कहा, 'हमारी पार्टी का नेतृत्व ईमानदारी से मानता है कि जब तक देश से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी एकता नहीं होगी, मोदी शासन को नहीं हराया जा सकता है।
Mamata Banerjee news: ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) पहले कांग्रेस के खिलाफ बहुत हमलावर रहा करती थी। कांग्रेस पार्टी को 'थकी और चुकी', 'अक्षम' और 'डीप फ्रीजर में' कहा जाता था और दीदी का पूरा फोकस रहता था कि भाजपा (BJP) के खिलाफ किसी भी संभावित गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा जाए। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बाहर हालिया चुनावी सफाये के बाद ममता बनर्जी ने अपना रुख नरम कर लिया है।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हाल ही में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को पत्र लिखकर सभी से एक साथ आने और भगवा ताकतों के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने का आह्वान किया है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा, कि गोवा और त्रिपुरा में चुनावी हार को इस बदलाव के एक प्रमुख कारण के रूप में देखा जा रहा है।
ममता बनर्जी ने फरवरी में कहा था कि उनके पास कांग्रेस के खिलाफ "व्यक्तिगत कुछ भी नहीं" है और वह इससे लड़ने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन, उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस के क्षेत्रीय संगठनों के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं और ये एक ऐसा कारक जो भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के रास्ते में आड़े आ सकता है।
टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रे ने कहा, कि 'हमारी पार्टी का नेतृत्व ईमानदारी से मानता है कि जब तक देश से जुड़े मुद्दों पर विपक्षी एकता नहीं होगी, मोदी शासन को नहीं हराया जा सकता है। टीएमसी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी काफी समय से कांग्रेस तक पहुंच बना रही है, लेकिन उसे अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उन्होंने कहा, 'हम गोवा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठजोड़ करना चाहते थे लेकिन वे इससे सहमत नहीं थे।' उन्होंने कहा कि 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद खुद को "असली कांग्रेस" के रूप में पेश करने के लिए टीएमसी की रणनीति विफल रही क्योंकि अन्य विपक्षी दल अभी भी कांग्रेस को सबसे विश्वसनीय अखिल भारतीय भाजपा विरोधी ताकत मानते हैं।
गोवा में गठबंधन के लिए ममता बनर्जी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास पहुंची थीं, लेकिन बात नहीं बनी। लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि गठबंधन इसलिए नहीं हुआ क्योंकि टीएमसी भगवा पार्टी के खिलाफ मिले वोटों को विभाजित करके भाजपा की मदद करने के लिए गोवा गई थी। उन्होंने दावा किया कि टीएमसी बीरभूम की हत्याओं के कारण हुए राजनीतिक तूफान से डर गई है, और विपक्षी एकता की बात करके जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
टीएमसी में भाजपा विरोधी ताकत के रूप में विश्वसनीयता की कमी है। टीएमसी का गोवा अभियान विफल रहा है। उसे कोई सीट नहीं मिली और केवल 5.2 प्रतिशत वोट मिले। इसने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन किया था। त्रिपुरा निकाय चुनावों में, टीएमसी ने नगरपालिका में केवल एक वार्ड जीता।