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कोच्चि पहुंचे दो फ्रांसीसी जहाज, सयुंक्त युद्धाभ्यास में शामिल ये चार देश

दो फ्रांसीसी जहाज टोननेर और फ्रिगेट ला पेरेस संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए कोच्चि पोर्ट पर आ गए हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 31 March 2021 11:36 AM GMT
दो फ्रांसीसी जहाज टोननेर और फ्रिगेट ला पेरेस संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए कोच्चि पोर्ट पर आ गए हैं।
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फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली: दो फ्रांसीसी जहाज टोननेर और फ्रिगेट ला पेरेस संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए कोच्चि पोर्ट पर आ गए हैं। यहां पर सयुंक्त अभ्यास में शामिल होने के लिए आए दोनों जहाजों का स्वागत किया गया। बता दें, ये बंगाल की खाड़ी में होने वाले फ्रांसीसी नौसेना के नेतृत्व में संयुक्त अभ्यास में दोनों जहाज भी हिस्सा लेंगे। साथ ही इस अभ्यास में क्वाड के चार देशों की नौसेनाएं भी शामिल रहेंगी। वहीं क्वाड देशों में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये सयुंक्त अभ्यास ५ अप्रैल से ७ अप्रैल तक चलेगा।

चारों सदस्यों के साथ युद्धाभ्यास

फ्रांसीसी असॉल्ट हेलीकॉप्टर कैरियर टोननेर और ला फेयेट क्लास सर्कोफ फ्रिगेट कोच्चि में १ अप्रैल तक रहेंगे और फिर इसके बाद बंगाल की खाड़ी के लिए रवाना हो जाएंगे। ऐसा पहली बार है जब फ्रांस की नौसेना क्वाड के चारों सदस्यों के साथ युद्धाभ्यास करने जा रही है। बता दें, क्वाड देशों की पहली बैठक 12 मार्च को हुई थी, जिसमें दुनियाभर के लिए खतरे के रूप में उभर रहे चीन के लिए परेशानी खड़े करने वाले कई इशारे मिले थे।

ऐसे में इस अभ्यास के बाद नई दिल्ली में अगले महीने भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की फ्रांस और इंडोनेशिया के उनके समकक्षों के बीच में दो महत्वपूर्ण त्रिपक्षीय बैठकें होंगी। इसमें टोननेर और सर्कोफ फ्रिगेट फरवरी में इंडो-पैसिफिक में होने वाले सबसे महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के लिए फ्रांस से रवाना हो गया था। वहीं फ्रांसीसी दूतावास की तरफ से बताया कि इससे क्षेत्र के प्रमुख सहयोगी विशेष तौर पर भारत के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत किया जा सकेगा।

नई पीढ़ी के लिए प्रशिक्षण

साथ ही ये तैनाती 148 फ्रांसीसी नौसेना अधिकारी कैडेटों के एक नए बैच को प्रशिक्षित करने में भी सहायता करेगी। वहीं दोनों युद्धपोतों के स्वागत करने वाले फ्रांसीसी राजदूत इमैनुअल लेनिन ने कहा, ''हमारी नौसेनाओं ने जो असाधारण स्तर हासिल किया है, उस पर मुझे गर्व है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत और इंडो-पैसिफिक नई नौसेना अधिकारियों की नई पीढ़ी के लिए प्रशिक्षण के केंद्र में हैं।''

आगे उन्होंने कहा कि ला पेरेस अभ्यास समुद्र में बहुपक्षवाद का एक ठोस प्रदर्शन और एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाएगा। जुलाई के मध्य में फ्रांस लौटने से पहले और संयुक्त अभ्यास के बाद, दोनों फ्रांसीसी युद्धपोत इंडो-पैसिफिक में अपनी तैनाती जारी रखेंगे और फिर जापान रवाना होंगे। अपनी यात्रा के दौरान, युद्धपोत दो बार साउथ चाइना सी से होकर जाएंगे।

Vidushi Mishra

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