TRENDING TAGS :
अस्पतालों में नहीं इंतजाम: दर-दर भटक रहे मरीज, केंद्र ने राज्यों को लगाई फटकार
पूरे देश में कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे के हाल देखें
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बीते 24 घंटे के हाल देखें तो देशभर से डेढ़ लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। ऐसे में केंद्र ने 3 राज्यों में कोरोना के बिगड़ते हालातों को लेकर राज्य सरकार को रेड अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों के नाम ये हैं- महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़। इसके साथ ही केंद्र से भेजी गई टीम को यहां कई खामियां देखने को मिली। कहीं इन राज्यों में ऑक्सिजन सिलेंडर की कमी है। तो कहीं वेटिलेटर खराब पड़े हैं। यहां तक कि कोरोना से लड़ने के लिए यहां के अस्पतालों में कोई पुख्ता इंतजाम भी नहीं हैं। आपको बता दें कि बीते हफ्ते पीएम मोदी के कहने पर केंद्र से विशेषज्ञों की टीम भेजी गई थी।
इन राज्यों में हो रहा खिलवाड़
ऐसे में स्वास्थ्य मंत्रालय के आकड़ों के अनुसार, सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या 11 लाख से ज्यादा है। और ये अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। पूरे देश के 70.82 प्रतिशत सक्रिय केस पांच राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और केरल में हैं। वहीं सिर्फ महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 48.57% सक्रिय मामले हैं और सबसे ज्यादा मरीजों की मौत भी महाराष्ट्र में हो रही है।
इस समय महाराष्ट्र के तीन ज़िलों के हॉस्पिटल में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। तीन ज़िलों में ऑक्सिजन सप्लाई की कमी है। जबकि दो ज़िलों मे वेंटिलेटर खराब हैं। वहीं अहमदनगर, औरंगाबाद, नागपुर और नंदुरबार में बहुत ज्यादा तादात में मरीज अस्पताल में हैं।
जिसके चलते महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में केंद्र को बृहद स्तर पर कमियां देखने को मिली। सूत्रों से सामने आई खबर के अनुसार, केंद्र ने बिगड़ते हालात को लेकर राज्यों को चिट्ठी लिखी है। यहां के तीन जिलों में में RTPCR टेस्ट काफी कम हो रहे हैं। अन्य 4 ज़िलों में काफी बड़ी संख्या में मरीज़ हॉस्पिटल में भर्ती है। वहीं राजधानी रायपुर में ऑक्सिजन की सप्लाई सीमित है। जबकि बालोद, रायपुर, दुर्ग, और महासमुंद जिलों में अस्पताल के बेड भरे हुए हैं।
पंजाब में ये देखने को मिला कि यहां के दो जिलों में कोरोना के इलाज के लिए कोई अलग से हॉस्पिटल नहीं है। इसके साथ ही तीन ज़िलों में मेडिकल स्टाफ की कमी है। वहीं एक जिले में RTPCR टेस्ट के लिए कोई लैब नहीं है। इन बिगड़ते हालातों में ऐसी व्यवस्था में कैसे मरीजों का इलाज होगा। ये बड़ा सवाल है।