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Home Isolation: अब होम आइसोलेशन सिर्फ 7 दिन का, केंद्र ने नियम बदला
Home Isolation: केंद्र सरकार ने हल्के और बिना लक्षण वाले संक्रमितों के लिए होम आइसोलेशन नियमों में बदलाव की घोषणा की है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, होम आइसोलेशन के तहत एक मरीज को पॉजिटिव परीक्षण के 7 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाएगी।
New Guidelines For Home Isolation: कोरोना के मामलों में वृद्धि (Corona Case Increase) के बीच केंद्र सरकार (Central Government) ने हल्के और बिना लक्षण वाले संक्रमितों के लिए होम आइसोलेशन नियमों में बदलाव की घोषणा की है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार, होम आइसोलेशन (home isolation) के तहत एक मरीज को पॉजिटिव परीक्षण के 7 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक पिछले 9 दिनों में देश में कोरोना के मामले 6 गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है। चार दिन में ही कोरोना के मामले दोगुने हो गए हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variants) के मामले तो तीन दिनों में दोगुने होने लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात को लेकर भी चिंतित है कि डेल्टा वेरिएंट ने जितनी तबाही भारत में मचाई थी उतनी तबाही दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा (Delta in South Africa) से नहीं हुई थी। ऐसे में ओमिक्रॉन भारत (Omicron in india) में क्या हालत बनाएगा ये स्पष्ट नहीं है।
नए दिशा निर्देश में कहा गया है कि कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कम से कम 7 दिन बाद और लगातार 3 दिनों तक बुखार नहीं होने के बाद होम आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा, लेकिन ऐसे लोग मास्क पहनना जारी रखेंगे। होम आइसोलेशन (home isolation) की अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा एस्ट कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। संक्रमित लोगों से कहा गया है कि स्टेरॉयड नहीं लें और सीने का एक्सरे तथा सीटी स्कैन बिना डॉक्टर की सलाह के न करवाएं।
देश में कोमॉर्बिड मरीजों जो पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं) की तादाद अच्छी खासी है। ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ अस्पतालों में भी भरी दबाव बढेगा। इसलिए होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन जारी की गई है। होम आइसोलेशन (home isolation) के दौरान संक्रमित व्यक्ति को इलाज करने वाले चिकित्सा अधिकारी के संपर्क में रहना होगा। यदि तबियत बिगडती है तो उसे तुरंत बताना होगा।
केंद्र ने राज्यों को कंट्रोल रूम दुरुस्त रखने को कहा है। कंट्रोल रूम का काम होगा कि जब होम आइसोलेट किए गए मरीज की तबीयत बिगड़े तो तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराने के इंतजाम करे। ऐसी स्थिति में एंबुलेंस और टेस्टिंग से लेकर अस्पताल में बेड आसानी से मिल पाए, यह भी देखना कंट्रोल रूम का काम होगा।
नए नियम (New Rules)
- बुजुर्ग मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर होम आइसोलेशन की अनुमति मिलेगी।
- हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर ही रहेंगे। उनके लिए पर्याप्त वेंटिलेशन यानी हवादार कमरे में रहना जरूरी है।
- कोरोना मरीजों को ट्रिपल लेयर मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
- मरीज को ज्यादा से ज्यादा तरल आहार लेना चाहिए।
- एचआईवी संक्रमित, ट्रांसप्लांट कराने वाले और कैंसर के मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकेगा।
- बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीज जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 फीसदी से ज्यादा होगा उन्हें ही होम आइसोलेशन में जाने की इजाजत होगी।
- हलके और एसिम्प्टोमेटिक मरीजों को जिला स्तर के कंट्रोल रूम के लगातार संपर्क में रहना होगा। कंट्रोल रूम उन्हें जरूरत पड़ने पर टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड समय पर मुहैया करवा सकेंगे।
- कोरोना संक्रमितों को स्टरॉयड लेने की मनाही है। सीटी स्कैन और सीने का एक्सरे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं किए जाएंगे।
तत्काल डॉक्टर से मिलें
- अगर तीन दिन लगातार बुखार 100 डिग्री से ज्यादा हो।
- अगर सांस लेने में मुश्किल हो तनिक सा चलने पर सांस फूलने लगे।
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 93 फीसदी से कम हो जाए।
- सांस लेने की दर प्रति मिनट 24 हो जाये।
- सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस हो।
- मानसिक भ्रम की स्थिति बने।
- गंभीर थकान व बदन दर्द हो।
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