TRENDING TAGS :
अब 2024: मोदी और भाजपा के पक्ष में जनादेश
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में भाजपा की वापसी पार्टी के लिए एक जबर्दस्त बूस्टर शॉट साबित होगा और 2024 के लिए एक सॉलिड आधार बनेगी।
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के परिणाम भाजपा की झोली में खुशियों की सौगात ले कर आये हैं। इन परिणामों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की लोकप्रियता और 2024 के आम चुनाव (General Elections 2024) से पहले भाजपा (BJP) के शासन रिकॉर्ड पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भाजपा की शानदार वापसी 2024 के लिए एक सॉलिड आधार बनेगी। भाजपा ने इस बार के चुनाव में कई तरह के प्रयोग भी किये। हिंदुत्व के एजेंडे के अलावा, जातिगत समीकरण का पूरा ध्यान रखा और चुनाव मैदान में नए चेहरों को भी उतारा। पश्चिम बंगाल की निराशा के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की वापसी पार्टी के लिए एक जबर्दस्त बूस्टर शॉट साबित होगा। गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह (Amit Shah) ने पिछले साल के अंत में कहा था कि '2024 का लोकसभा चुनाव जो हमें मोदी जी के नेतृत्व में जीतना है, उसकी नींव उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनावों से होगी।"
आम चुनावों के लिए मिक्स बुके लेकर आगे बढ़ेगी भाजपा
यूपी के नतीजों के बाद भाजपा की ये नींव पड़ चुकी है और अब उसी पर 2024 की इमारत खड़ी होनी है। लेकिन ये तय है कि आगे की रणनीति बहुयामी होगी जिसमें सिर्फ हिन्दुत्व का एजेंडा प्रमुख नहीं रहने वाला है। आम चुनावों के लिए पार्टी एक मिक्स बुके लेकर आगे बढ़ेगी। क्योंकि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन लगभग 32 फीसदी वोट के साथ भाजपा के लिए अच्छी खबर नहीं है। सपा का वोट क्यों बढ़ा ये भी एक विचारणीय प्रश्न है जो बताता है कि भाजपा के खिलाफ वोट भी काफी पड़े हैं।
भाजपा ने देश सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में हिंदू वोटों को धार्मिक पहचान के झंडे के नीचे रखने का प्रयास किया है, उसने 2014, 2017, 2019 के चुनावों में इसे बखूबी भुनाया। इसके अलावा भाजपा ने गैर-यादव ओबीसी समुदाय के समर्थन के एक हिस्से को भी अपने पाले में कर लिया। लेकिन इस चुनाव में अखिलेश यादव भाजपा के वोट आधार को तोड़ने में कामयाब रहे हैं। ये भाजपा के लिए एक खतरे की घंटी है।
मोदी की लोकप्रियता अब भी बरकरार
यूपी और अन्य जगहों के नतीजों से साबित हो गया है कि मोदी की लोकप्रियता अब भी बरकरार है और उनकी अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थी उनके साथ खड़े हैं। यानी ब्रांड मोदी अभी चल रहा है। इस बार यूपी में भाजपा का संभावित वोट करीब 43 फीसदी बताया जा रहा है, जो पिछली बार के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा है। ये वोट कुछ हद तक कांग्रेस और ज्यादातर बसपा की ओर से आता दिख रहा है।
भाजपा नेताओं का दावा है कि उसके विकास के एजेंडे ने पंजाब को छोड़कर सभी चार राज्यों में अद्भुत काम किया है। लेकिन उत्तर प्रदेश की प्रवृत्ति दर्शाती है कि जाति अब भी एक महत्वपूर्ण कारक बनी हुई है। उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए अच्छी खबर दलितों के बीच बसपा के जनाधार के और टूटने के संकेत हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि मायावती अपने जाटव समुदाय के वोटों को पकड़ने में सक्षम हैं या नहीं - जो राज्य में कुल अनुसूचित जातियों का 54 प्रतिशत है।
दोस्तों देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।