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Urban Company: ऐप बेस्ड कंपनी ने अपने ही लोगों पर किया केस, कौन हैं ये महिला गिग वर्कर, जो निशाने पर हैं

Urban Company: दुनियाभर में ऐसी ऐप-आधारित कंपनियां काम कर रही हैं जहां विभिन्न पेशेवर या गिग वर्कर अपने ग्राहकों से मिलते हैं।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Monika
Published on: 24 Dec 2021 6:51 AM GMT
women on protest
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धरने पर महिलाएं (फोटो : सोशल मीडिया )

Urban Company: भारत की गिग इकॉनमी (GIG Economy) में उथलपुथल है क्योंकि एक बड़ी कंपनी के खिलाफ उसके ही सर्विस प्रोवाइडर या पार्टनर खड़े हो गए हैं और कंपनी ने उन पर केस कर दिया है।

पहले जानिए गिग इकॉनमी है क्या (GIG Economy kya hain) । दरअसल, ऊबर (UBER), ओला (OLA), जोमैटो (Zomato) और स्वीगी (swiggy) और इनकी जैसी दर्जनों कंपनियां हैं जो ग्राहकों और सर्विस प्रोवाइडर (service provider) को एक दूसरे से जोड़ने का बिजनेस करती हैं। इसे कहते हैं गिग इकॉनमी जिसमें सर्विस प्रोवाइडर कोई डिलीवरी मैन, कैब ड्राइवर,प्लम्बर आदि कोई भी हो सकता है। दुनियाभर में ऐसी ऐप-आधारित कंपनियां काम कर रही हैं जहां विभिन्न पेशेवर या गिग वर्कर अपने ग्राहकों से मिलते हैं। गिग वर्कर (GIG Worker) किसी की नौकरी नहीं करते बल्कि फ्रीलांसर (freelancer) होते हैं। गिग वर्कर्स अक्सर शिकायत करते हैं कि उनके अधिकारों का दमन किया जाता है, उन्हें समुचित मेहनताना नहीं मिलता और उनके काम के घंटों का कोई हिसाब नहीं है। इन कर्मियों को अमेरिका से लेकर नीदरलैंड्स तक कई देशों में कानूनी लड़ाइयों में जीत मिली है।

भारत में गिग इकॉनमी (India GIG Economy)

'गिग इकॉनमी ' में भारत के लगभग 50 लाख लोग काम (50 lakh people work) करते हैं। इन लोगों ने एक यूनियन भी बनाई है जिसमें ऊबर, ओला, जोमैटो और स्वीगि जैसी ऐप्स से जुड़े 35 हजार से ज्यादा लोग शामिल हैं। अक्टूबर में इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपील की थी कि बीमा (Insurance) , पीएफ (PF) जैसी सामाजिक सुविधाएं उनके लिए भी उपलब्ध होनी चाहिए।

अनोखा मामला

'अर्बन कंपनी' (Urban Company) एक भारतीय स्टार्टअप है जो हेयर कटिंग से लेकर ब्यूटीशियन और इलेक्ट्रीशियन आदि सेवाएं उपलब्ध करवाती है। अर्बन कंपनी, ऊबर की तर्ज पर काम करती है जहां ब्यूटिशियन, क्लीनर और अन्य घरेलू कामों के लिए सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग अपना अकाउंट बनाते हैं और ग्राहक उनकी सेवाएं सीधे उनसे संपर्क करके ले सकते हैं।

अब अर्बन कंपनी ने इन फ्रीलांसरों पर अपने ऐप से जुड़ने की फीस लगा दी है जिसके विरोध में महिला सेवा प्रदाता प्रदर्शन (female service provider protest) कर रही हैं। उनका कहना है कि अभी तो कोई पैसा नहीं लिया जाता था और अब फीस लगा कर उनकी आय को घटा दिया गया है। इन महिला कर्मचारियों ने इसी हफ्ते गुरुग्राम स्थित अर्बन कंपनी के हेडक्वॉर्टर के सामने धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद कंपनी ने इन महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज (FIR filed) करा दिया कि इनकी गतिविधियां गैरकानूनी हैं। गिग कर्मचारी श्रम कानून लागू करवाने के लिए कंपनियों पर केस करें ऐसा तो बार-बार हो रहा है लेकिन एक कंपनी ही अपने कर्मचारियों पर मुकदमा कर दे, यह शायद दुनिया में पहली बार हुआ है।

बता दें कि भारत में गिग इकोनॉमी में काम करने वाले लोगों के लिए सामाजिक लाभ उपलब्ध करवाने वाला एक कानून 2020 में पास हुआ था लेकिन कई राज्यों ने अब तक उसे लागू नहीं किया है। हाल ही में बंगलुरू में गिग वर्कर्स की यूनियन ने हड़ताल की धमकी दी थी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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