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कोवैक्सीन के चौथे फेज का भी होगा ट्रायल, असर पर उठे सवालों के बाद भारत बायोटेक का ऐलान

अध्ययन: कोवैक्सीन के मुकाबले कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोगों के शरीर में ज्यादा एंटीबॉडी बन रही है

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 10 Jun 2021 8:22 AM GMT
कोवैक्सीन के चौथे फेज का भी होगा ट्रायल, असर पर उठे सवालों के बाद भारत बायोटेक का ऐलान
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नई दिल्ली। देश में हाल में किए गए एक अध्ययन में कोवैक्सीन को कोविशील्ड की तुलना में कम असरदार बताया गया है। इस स्टडी के बाद कोवैक्सीन को लेकर खड़े किए जा रहे सवालों के बीच भारत बायोटेक ने अपने टीके के चौथे चरण का भी ट्रायल करने का ऐलान किया है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जुलाई में कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के नतीजे पब्लिश किए जाएंगे। कंपनी का कहना है कि टीके का चौथा ट्रायल भी किया जाएगा ताकि लोगों को कोवैक्सीन के असर की असलियत का पता लग सके।


कोविशील्ड को बताया ज्यादा असरदार

दरअसल भारत बायोटेक को हाल ही में कोलकाता के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ अवधेश कुमार सिंह की ओर से किया गया अध्ययन नागवार गुजरा है। डॉ सिंह ने अपने अध्ययन में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इम्यून रिस्पांस की तुलना की थी। अध्ययन के मुताबिक जनवरी से मई के बीच 515 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया। इनमें 452 को कोविशील्ड और 90 को कोवैक्सीन लगाई गई। कोविशील्ड की दो डोज देने के बाद कोवैक्सीन के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी पाई गई। डॉ सिंह ने अपने अध्ययन के बाद नतीजा निकाला है कि कोवैक्सीन के मुकाबले कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोगों के शरीर में ज्यादा एंटीबॉडी बन रही है। इसी आधार पर उनका करना है कि कोवैक्सीन कोविशील्ड के मुकाबले कम असरदार है।


स्टडी पर भारत बायोटेक ने उठाए सवाल

डॉ अवधेश कुमार सिंह की ओर से की गई इस स्टडी पर भी भारत बायोटेक की ओर से सवाल उठाए गए हैं। भारत बायोटेक के बिजनेस डेवलपमेंट हेड डॉ रैचेस एल्ला ने सोशल मीडिया पर इस स्टडी का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह के अध्ययन की भी अपनी सीमाएं हैं और इसे वैज्ञानिक तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर किया गया अध्ययन नहीं माना जा सकता।

डॉ. कुमार की ओर से भी भारत बायोटेक के सवाल का जवाब भी दिया गया है। उनका कहना है कि तीसरे फेज के ट्रायल के नतीजे सामने आए बिना ही वैक्सीन पूरे देश में लोगों की लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से टीकाकरण में भारत बायोटेक की ओर से बड़ी पहल की गई है मगर इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरे के अध्ययन पर उंगली उठाई जाए। उन्होंने अध्ययन में किए गए आंकड़ों को पब्लिश करने की भी बात कही है।


जुलाई में पब्लिश होंगे तीसरे फेज के आंकड़े

दूसरी ओर भारत बायोटेक का कहना है कि कंपनी की ओर से तीसरे फेज का भी ट्रायल किया गया है और उससे जुड़े आंकड़े जुलाई में पब्लिश किए जाएंगे। कंपनी का कहना है कि पहले ये आंकड़े सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन के पास भेजा जाएगा और फिर वैक्सीन विशेषज्ञ इन आंकड़ों का रिव्यू करेंगे। इसके बाद कंपनी की ओर से फुल लाइसेंस के लिए आवेदन दिया जाएगा। कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि अभी तक कोवैक्सीन की एफीकेसी 78 फीसदी है। कंपनी के मुताबिक ट्रायल के दौरान इसे लगवाने के बाद अस्पताल में भर्ती होने का कोई भी मामला अभी तक सामने नहीं आया है।


इसलिए होगा चैथे फेज का ट्रायल

कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन का चौथे फेज का भी ट्रायल किया जाएगा ताकि इस बात को साबित किया जा सके यह वैक्सीन सभी मानकों पर खरी उतरती है। मौजूदा समय में देश के टीकाकरण अभियान में लोगों को तीन टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें कोवैक्सीन के अलावा कोविशील्ड और रूस का स्पूतनिक वी टीका है। हैदराबाद की बायोलॉजिकल ई कंपनी के टीके का भी ट्रायल किया जा रहा है और आने वाले दिनों में इसे भी सरकार की ओर से मंजूरी दी जा सकती है।

Pallavi Srivastava

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