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Coronavirus: क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के संस्थापक ने भारतीय संस्था को दिए 1 अरब डॉलर
इथेरियम के सह संस्थापक ने 1 अरब डॉलर कीमत वाले शीबा इनु टोकन कोरोना से जंग लड़ने के लिए भारतीय संस्था को दान में दिए हैं।
लखनऊ: जिस क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर भारत में वैध-अवैध का विवाद चला आ रहा है, उसी क्रिप्टोकरेंसी में भारत को कोरोना से जंग में बहुत बड़ी मदद मिली है।
बिटकॉइन (Bitcoin) के बाद क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में इथेरियम (Ethereum) बहुत बड़ा नाम है। इथेरियम के सह संस्थापक वितालिक बुटेरिन (Vitalik Buterin) ने एक अरब डॉलर कीमत वाले शीबा इनु टोकन (Shiba Token) कोरोना से जंग लड़ने के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाओं को दान में दे दिए हैं।
शीबा एक नई करेंसी है जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बिनांस में कल लिस्ट हुई और कुछ ही घंटों के अंदर इसकी कीमतों में भारी उछाल आया गई। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का अपना ब्लाकचेन होता है जबकि क्रिप्टो टोकन पहले से मौजूद ब्लाक चेन पर बनाया जाता है।
इंडिया कोविड रिलीफ फण्ड को भेजे 50 ट्रिलियन शीबा टोकन
वितालिक बुटेरिन (Vitalik Buterin) को ये टोकन गिफ्ट में मिले हुये थे। उन्होंने एक सिंगल ट्रांसफर में 1.2 अरब डॉलर कीमत के 50 ट्रिलियन शीबा टोकन इंडिया कोविड रिलीफ फण्ड (India Covid Relief Fund) को भेज दिए। ये रिलीफ फंड भारतीय टेक उद्यमी संदीप नैलवाल (Sandeep Nailwal) ने बनाया है। अप्रैल में भी बुटेरिन ने इस फंड में 6 लाख डॉलर के टोकन दिए थे।
शीबा टोकन किसी इंडियन प्लेटफाॅर्म पर रजिस्टर्ड नहीं है। जिसके कारण इसे वज़ीरएक्स, कॉइनस्विच कुबेर जैसे प्लेटफाॅर्म से खरीदा नहीं जा सकता है। फिलहाल इस क्रिप्टोकरेंसी को कॉइन डीसीएक्स, बियांस और कॉइन बेस के जरिए खरीद सकते हैं।