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Voter ID Aadhaar Link : अब वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने की तैयारी में सरकार, कैबिनेट से चुनाव सुधार का बिल मंजूर
केंद्र सरकार अब चुनावी प्रक्रिया में सुधार की दृष्टि से एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में चुनाव सुधार से जुड़े एक बिल को मंजूरी दी गई है।
Voter ID Aadhaar Link : केंद्र सरकार अब चुनावी प्रक्रिया (Electoral Process) में सुधार की दृष्टि से एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में चुनाव सुधार से जुड़े एक बिल को मंजूरी (bill approved) दी गई है। इस बिल के अनुसार, आने वाले समय में वोटर आईडी (Voter ID) कार्ड को उस शख्स के आधार नंबर (Aadhaar card number) से जोड़ा जाएगा।
हालांकि, आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने (Voter ID Card And Aadhaar Linking) का फैसला स्वैच्छिक होगा। बता दें, कि सरकार ने चुनाव आयोग (Election Commission of India) की सिफारिश के बाद ही यह फैसला किया है। आधार को वोटर आईडी से जोड़ने से फर्जी वोटर कार्ड से होने वाली धांधली रोकी जा सकती है।
वोटर बनने का मौका अब साल में चार बार
आधार कार्ड और वोटर आईडी जोड़ने (Voter ID Card And Aadhaar Linking) मामले में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले को ध्यान में रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार, सरकार चुनाव आयोग को और ज्यादा अधिकार देने के लिए कदम उठाएगी। प्रस्तावित बिल देश के युवाओं को प्रति वर्ष चार अलग-अलग तारीखों पर खुद को वोटर के तौर पर रजिस्टर (पंजीकरण) करने की इजाजत भी देगा। इसका अर्थ है कि वोटर बनने के लिए अब साल में चार तारीखों को कटऑफ माना जाएगा। जबकि, अब तक हर साल पहली जनवरी या उससे पहले 18 साल के होने वाले युवाओं को ही वोटर के तौर पर रजिस्टर्ड किए जाने की इजाजत रही है।
इलेक्शन कमीशन की थी मांग
गौरतलब है, कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) पात्र लोगों को मतदाता (voter) के रूप में पंजीकरण (Registration) कराने की अनुमति देने के लिए कई कट ऑफ डेट (Cut Off Dates) की वकालत कर चुका है। चुनाव आयोग ने सरकार को बताया था, कि एक जनवरी के कट ऑफ डेट के चलते वोटर लिस्ट की कवायद से कई युवा बाहर रह जाते थे। केवल एक कट ऑफ तारीख होने की वजह से 2 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाते थे। ऐसे में उन्हें पंजीकरण के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ता था।
ताकि कई जगह न हो कई जगह से रजिस्ट्रेशन
विधि एवं न्याय मंत्रालय ने हाल ही में संसद की एक समिति को बताया था, कि उसका जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-14 बी में संशोधन का प्रस्ताव है। इस संशोधन के जरिए रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति वर्ष चार कट ऑफ तारीख जैसे- एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई तथा एक अक्टूबर शामिल किया जा सके। तब, मार्च में तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया था, कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से आधार प्रणाली को जोड़ने का प्रस्ताव किया है। ताकि, एक ही व्यक्ति के अलग-अलग स्थानों से कई बार पंजीकरण कराने की हरकतों पर लगाम लगाई जा सके।