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West Bengal Politics: बुआ और भतीजे के बीच विवाद खत्म, अभिषेक पर ममता फिर मेहरबान, राष्ट्रीय महासचिव बने रहेंगे

West Bengal Politics: ममता की ओर से गठित कार्यसमिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि अभिषेक बनर्जी राष्ट्रीय महासचिव के पद पर बने रहेंगे।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Ragini Sinha
Published on: 19 Feb 2022 3:56 AM GMT
Mamata banerjee and Abhishek Banerjee
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बुआ और भतीजे के बीच विवाद खत्म (Social Media)

West Bengal Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच विवाद (Mamata Banerjee Abhishek Banerjee Dispute) खत्म होता दिख रहा है। पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के इन दो बड़े नेताओं के बीच विवाद की बात सामने आई थी, जिसके बाद ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की समिति (National Officers' Committee) को भंग कर दिया था। इन पदाधिकारियों में टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव (National General Secretary of TMC) और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) भी शामिल थे।

दोनों नेताओं के बीच अनबन की खबर नहीं

ममता की ओर से गठित कार्यसमिति की बैठक में फैसला लिया गया है कि अभिषेक बनर्जी राष्ट्रीय महासचिव के पद पर बने रहेंगे। टीएमसी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच अनबन की खबरों में कोई दम नहीं है। कार्यसमिति की बैठक से साफ हो गया है कि अभिषेक बनर्जी ने पार्टी में नंबर दो का ओहदा बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है।

ममता ने भंग कर दी थी समिति

पश्चिम बंगाल की सियासत में हाल के दिनों में ममता और अभिषेक के बीच विवाद की खासी चर्चा रही है। हालांकि पार्टी का कोई भी नेता इस मुद्दे को लेकर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। जानकारों का मानना है कि इस विवाद के बाद ही ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की समिति को भंग करने का बड़ा कदम उठाया था। ममता के इस फैसले के दायरे में राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी आ गए थे।

ममता ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों को हटाने के बाद ही 20 सदस्यीय कार्यसमिति का गठन किया था। ममता की ओर से उठाए गए इस कदम के पीछे पार्टी में असंतोष को बड़ा कारण माना जा रहा था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस कदम के जरिए ममता ने इस बात का संकेत देने की कोशिश की थी कि पूरी पार्टी उनके मनमुताबिक ही चलेगी। वैसे ममता ने कार्यसमिति में अभिषेक बनर्जी को भी जगह दी थी।

ममता बनर्जी-अभिषेक बनर्जी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

अभिषेक का नंबर दो का ओहदा बरकरार

ममता की ओर से शुक्रवार को टीएमसी कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक का आयोजन आसनसोल, बिधाननगर और चंद्रनगर के मेयरों पर फैसला करने के लिए किया गया था। इन तीनों नगर निगमों के चुनाव के नतीजे हाल ही में घोषित किए गए थे और इन तीनो ही निगमों में टीएमसी ने जीत हासिल की थी। कार्यसमिति की बैठक के दौरान इन तीन मेयरों के नाम पर फैसला लेने के साथ ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों पर भी अंतिम मुहर लगाई गई।

बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अभिषेक बनर्जी राष्ट्रीय महासचिव पद पर बने रहेंगे। इस तरह ममता के भतीजे अभिषेक ने पार्टी में नंबर दो की स्थिति पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। ममता की मौजूदगी में लिए गए इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि बुआ और भतीजे के बीच विवाद अब खत्म हो गया है।

अन्य पदाधिकारियों के नाम भी तय

बैठक के दौरान अभिषेक बनर्जी के साथ ही पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के नामों पर भी मुहर लगाई गई। पार्टी की ओर से फैसला लिया गया है कि जसवंत सिन्हा, सुब्रत बक्शी और चंद्रिमा भट्टाचार्जी पार्टी के उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे। अरूप विश्वास को पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया गया है जबकि सुखेन्दु शेखर राय पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए हैं। वे राज्यसभा में भी प्रवक्ता की जिम्मेदारी निभाएंगे। लोकसभा प्रवक्ता की जिम्मेदारी काकोली घोष दस्तीदार को सौंपी गई है। उन्हें मदद देने की जिम्मेदारी सांसद महुआ मोइत्रा संभालेंगी।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से अभिषेक बनर्जी इन दिनों पश्चिम बंगाल के बाहर दूसरे राज्यों विशेषकर नॉर्थ ईस्ट में टीएमसी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बीच बुआ और भतीजे के बीच अनबन की खबरों से पार्टी में हड़कंप मच गया था मगर ममता की ओर से उठाए गए कदमों से साफ हो गया है कि दोनों के बीच विवाद को सुलझा लिया गया है।

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Ragini Sinha

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