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Panama Papers Scandal India: पैंडोरा, पैराडाइज, पनामा, जानिए क्या हैं ये सब

Panama Papers Scandal India: पनामा पेपर्स क्या है? पनामा पेपर्स मामले में दुनिया के खोजी पत्रकारों के समूह ने 2016 में उन लोगों के नाम उजागर किये थे।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Chitra Singh
Published on: 21 Dec 2021 5:35 AM GMT
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पैंडोरा, पनामा (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Panama Papers Scandal India: इन दिनों ऐश्वर्या राय बच्चन से ईडी की पूछताछ की सुर्खियां हैं। ऐश्वर्या का नाम दरअसल पनामा पेपर्स (aishwarya rai bachchan panama) में था आया जिसमें बताया गया था कि किस तरह दुनियाभर के रईस विदेशों में अपनी दौलत छुपाए हुए हैं। पनामा पेपर्स कोई पहला या आखिरी मामला (panama papers case) नहीं है। पैराडाइज पेपर्स (paradise papers), पैंडोरा पेपर्स (pandora papers), आदि भी ऐसे खुलासे कर चुके हैं जिनमें सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), अनिल अंबानी (Anil Ambani) वगैरह के नाम आ चुके हैं।

पनामा पेपर्स मामला

पनामा पेपर्स क्या है (panama papers kya hai hindi)? पनामा पेपर्स मामले में दुनिया के खोजी पत्रकारों के समूह ने 2016 में उन लोगों के नाम उजागर किये थे जिन्होंने साउथ अमेरिकी देश पनामा की लॉ कंपनी 'मोसाक फोन्सेका' की मदद से विदेशों में अपनी संपत्तियां बनाई थीं। जिन देशों में ये संपत्तियां बनाई गईं, उन्हें 'टैक्स हैवन' कहा जाता है क्योंकि इन देशों की कानून व्यवस्था पैसा जमा करवाने वाले की असल पहचान छुपाने में मदद करती है। लोग अपनी अकूत दौलत को निगरानी से बचाने के लिए इन देशों में अपना पैसा जमा करते हैं या निवेश करते हैं। पनामा, सेशेल्स, मॉरीशस, सेंट किट्स द्वीप, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, बहामा, केयमेन आइलैंड्स, बरमूडा ऐसे ही टैक्स हेवेन देश हैं।

पनामा पेपर्स (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

पनामा पेपर्स से पता चला कि भारतीय कानूनों के तहत इजाजत ना होने के बावजूद कुछ भारतीयों ने पनामा की लॉ फर्म 'मोसाक फोन्सेका' की मदद से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कंपनियां बनाईं थीं। कुछ लोगों ने विदेशों में हुई कमाई पर लगने वाला टैक्स बचाने के लिए टैक्स हैवन देशों में विदेशों से हुई कमाई जमा करवा दी, कुछ लोगों ने सरकारी ठेके या अपराध से कमाई संपत्ति को ठिकाने लगाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया।

कानूनी या गैरकानूनी?

देश से विदेश या विदेश से देश में पैसा भेजने के लिए कंपनियों या बैंक खातों का इस्तेमाल हो सकता है। इसका मतलब ये नहीं कि हर विदेशी खाता या बैंक अकाउंट फर्जीवाड़ा करने के लिए खुलवाया जा रहा है। हालांकि लंबे समय से, खासतौर पर टैक्स हैवन देशों में विदेशी खातों या कंपनियों का इस्तेमाल टैक्स चोरी या अवैध स्रोत से कमाए गए पैसे को सुरक्षित करने के लिए किया जाता रहा है।

पनामा पेपर्स पर टिप्पणी करते हुए तात्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था - इसमें कोई संदेह नहीं है कि वैश्विक स्तर पर टैक्स से बचने के तरीके अब एक समस्या बन गये हैं लेकिन असल समस्या यह है कि ये सारा मामला कानूनी है, इसमें गैर कानूनी कुछ नहीं है।

अगर टैक्स एक्सपर्ट्स से पूछा जाये कि क्या ये गैरकानूनी है, तो अधिकतर मामलों में जवाब होगा, यह गैरकानूनी नहीं है।। इसमें ब्रिटेन की महारानी ने जिन एक करोड़ यूरो को कैमेन आयलैंड और बरमूडा की कंपनियों में निवेश किया है, वह भी गलत नहीं माना जा सकता। पनामा पेपर्स के बाद अब पैराडाइज पेपर्स में राजनेताओं और अमीर लोगों के नाम आने के बाद लगातार सरकारों पर यह दवाब बढ़ने लगा है कि वे अब इसके नियमन को लेकर कानून तय करें। पनामा पेपर्स के जारी होने के बाद तकरीबन 300 अर्थशास्त्रियों ने दुनिया के तमाम नेताओं को चिट्ठी लिख कर वैश्विक टैक्स नीति में सुधार पर बल दिया था।

पनामा पेपर्स (फोटो- सोशल मीडिया)

पैंडोरा पेपर्स

इसी साल पनामा पेपर्स की तर्ज पर पैंडोरा पेपर सामने आए। पैंडोरा पेपर्स के नाम से चर्चित खुलासे में ऐसी 29 हजार कंपनियों और ट्रस्ट का पता चला जिन्हें विदेशों में बनाया गया था। 14 कंपनियों के एक करोड़ 20 लाख दस्तावेजों का इंटरनेशनल कन्सॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने एक साल तक अध्ययन किया जिसके बाद ऐसा दावा किया गया कि विभिन्न देशों के व्यापारियों, उद्योगपतियों, राजनेताओं और खेल व मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियों ने अपना धन छिपाया।

पैराडाइज पेपर्स 2017 में सामने आए थे। पनामा पेपर्स लीक (panama papers leak) के बाद दुनिया की सबसे बड़ी संवेदनशील सूचना की लीक है। इस बार लीक होने वाले डाटा का साइज 14 टीबी था जिसमें 13.4 मिलियन यानी एक करोड़ 30 लाख 40 हजार फाइलें हैं। इससे पहले पनामा पेपर्स (panama papers leak matter) में 6.8 मिलियन फाइल्स लीक की गई थीं।

भारत के 700 से ज्यादा अरबपतियों का नाम पैराडाइस पेपर्स (paradise papers india) में सामने आये थे। इसमें दुनिया की बड़ी हस्तियों में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सहयोगी रोस और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के दामाद (vladimir putin son in law) किरिल शमालव का नाम है। पैराडाइज़ पेपर्स का अधिकांश हिस्सा बारमुडा की लॉ फर्म एप्पलबाई से लीक (paradise papers leaks) किया गया है। पैराडाइज़ पेपर्स में रूस के उस शख्स का भी नाम है जिसने ट्विटर और फेसबुक पर बड़े पैमाने पर पैसा लगाया है।

Chitra Singh

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