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Wheat and Rice Records: कोरोना महामारी के दौरान भारत ने बनाए गेहूं-चावल के चार रिकॉर्ड
Wheat and Rice Records: कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अनाजों के मामले में चार-चार रिकॉर्ड बना डाले हैं।
Wheat and Rice Records: कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अनाजों के मामले में चार-चार रिकॉर्ड बना डाले हैं. बीते एक साल में भारत में रिकॉर्ड उठान हुआ, रिकॉर्ड सरकारी खरीद हुई, सरकार का भण्डार रिकॉर्ड लेवल पर जा पहुंचा और एक्सपोर्ट का भी रिकॉर्ड बना. ये सब देश के किसानों की मेहनत का नतीजा है कि इतना अनाज उत्पादन हो सका.
पिछले साल नेशनल लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojana) शुरू की जिसके तहत खाद्यान सुरक्षा कानून के तहत आने वाले लाभार्थियों को 5 किलो अतिरिक्त गेहूं-चावल दिया जाना था. इसका नतीजा ये हुआ कि एफसीआई (FCI) के गोदामों से वर्ष 2020-21 में रिकार्ड 93 मिलियन टन अनाज का उठान हुआ. ये पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा था. अब चूँकि गरीब कल्याण योजना नवम्बर तक बढ़ा दी गयी है तो 2021-22 में अनाज की उठान और 28 मिलियन टन बढ़ जाएगी. यानी और एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहा है.
2019-20 तक फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (Food Corporation of India) के गोदामों से हर साल बमुश्किल 62 मिलियन टन अनाज उठाया जाता था. 2012-से 2018 के बीच में तो ये 60 से 66 मिलियन टन रहता था. इसमें से ज्यादातर अनाज सार्वजानिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस वाला राशन होता था. लेकिन अब स्थितियां बदल गईं हैं.
सरकारी खरीद
बीते एक साल में अनाजों की सरकारी खरीद भी जम कर हुई है. वर्ष 2020-21 के सत्र में 32.3 मिलियन टन गेहूं और 55.4 मिलियन टन चावल की सरकारी खरीद हुई. एक साल पहले 39 मिलियन टन गेहूं और 51.8 मिलियन टन चावल खरीदा गया था. ऐसा नहीं कि खरीद सिर्फ एक साल में बढ़ी है, बल्कि हर साल लगातार खरीद का लेवल ऊंचा होता जा रहा है.
लबालब भरे गोदाम
सरकार की बम्पर खरीद का नतीजा ये हुआ कि गोदामों में स्टॉक रिकार्ड लेवल पर का पहुंचा. एफसीआई के गोदामों से रिकार्ड 93 मिलियन टन उठान के बावजूद सेन्ट्रल पूल में अनाज लबालब भरा हुआ था. बीते एक जून को ये स्टॉक 109.44 मिलियन टन था. पिछले साल ये 97.27 मिलियन के रिकॉर्ड लेवल पर रहा था. वैसे बता सरकारी पूल में स्टॉक लेवल 2017 से ही बढ़ता जा रहा है.
खूब हुआ एक्सपोर्ट
वर्ष 2020-21 में भारत ने जम कर चावल-गेहूं का एक्सपोर्ट भी किया. इस दौरान कुल 19.6 मिलियन टन का एक्सपोर्ट हुआ. आंकड़ों के लिहाजा से तो जितना अनाज खुले बाजार से खरीदा गया वो सब बाहर भेज दिया गया. खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण विभाग के अनुसार सेन्ट्रल पूल से 75 हजार टन गेहूं और 4 हजार टन चावल का एक्सपोर्ट मानवीय आधार विदेश मंत्रालय के जरिये किया गया. यानी भारत ने दूसरे देशों का भी पेट भरा.