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भारत के लिए अहम हैं अगले 6-18 महीने, WHO की प्रमुख वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना से जंग में अगले 6-18 महीने भारत की कोशिशों की लिहाज से बेहद अहम रहने वाले हैं।

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Newstrack Network NetworkPublished By Shreya
Published on: 17 May 2021 12:01 PM GMT
भारत के लिए अहम हैं अगले 6-18 महीने, WHO की प्रमुख वैज्ञानिक ने दी चेतावनी
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WHO की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Corona Virus Second Wave) की दस्तक होने के बाद संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। हालांकि बीते कुछ दिनों से देश में कोविड-19 के नए मामलों (Covid-19 New Cases) में कमी दर्ज की जा रही है। बीते 24 घंटे की बात की जाए तो देश में इस दौरान 2 लाख 81 हजार 386 नए मामले सामने आए हैं, जबकि कुल चार हजार 106 लोगों ने संक्रमण की चपेट में आकर अपना दम तोड़ दिया है।

बता दें कि देश में 21 अप्रैल के बाद पहले बार देश में तीन लाख से कम कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि कोविड के घटते मामलों पर वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कोरोना के पुष्ट मामलों की संख्या में कमी सिर्फ एक भ्रम है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने भी कोरोना की आगामी लहरों को लेकर चेतावनी जारी की है।

अगले 6-18 महीने बेहद अहम

एक इंटरव्यू के दौरान डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस की अन्य वेव भारत की मुश्किलों को बढ़ा सकती हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से जंग में अगले 6-18 महीने भारत की कोशिशों की लिहाज से बेहद अहम रहने वाले हैं। इस लड़ाई में काफी कुछ वायरस के विकास पर भी डिपेंड करता है।

साथ ही नए वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन की क्षमता और इससे बनने वाली रोग प्रतिरोधक शक्ति कितने वक्त तक लोगों का बचाव करती है, ये भी मायने रखता है। इसमें काफी बदलाव हो रहा है।

डॉ. सौम्या स्वामीनाथन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

स्वामीनाथन के मुताबिक, कोरोना के इस खतरनाक चरण का निश्चित ही एक अंत होगा। इस साल के अंत तक ऐसा देखने को मिल सकता है कि दुनिया की औसतन 30 फीसदी आबादी का टीकाकरण हो जाए। यही वो समय होगा, जब मौतों में गिरावट आनी शुरू होगा और इसके बाद अगले साल वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ सकती है।

B1.617 कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वेरिएंट

वहीं, डॉ. स्वामीनाथन ने B1.617 को कोरोना का सबसे अधिक संक्रामक वेरिएंट बताया है। आपको बता दें कि अब तक वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा कोरोना के 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' में चार वेरिएंट शामिल किए गए हैं। इनमें B1.617 को भी शामिल किया गया है। जो कि सबसे पहले भारत में पाया गया था। जानकारी के मुताबिक, यह वेरिएंट अब करीब 50 देशों में पैर पसार चुका है।

जांच करता बुजुर्ग (फोटो- न्यूजट्रैक)

इस वेरिएंट को लेकर WHO की मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि निश्चित तौर पर निश्चित तौर पर ज्यादा संक्रामक है। यह ओरिजिनल स्ट्रेन से करीब डेढ़ से दो गुना अधिक संक्रामक हो सकता है। कहा जा रहा है कि यह ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के वेरिएंट B 117 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। स्वामीनाथन ने कहा कि हमारे पास इसका डेटा उपलब्ध नहीं है कि कोरोना के खिलाफ लगाई जा रही कोविशील्ड या कोवैक्सीन को ले चुके लोगों के संक्रमित होने की कितनी संभावना है, इसे लेकर शोध किए जाने की आवश्यकता है।

हेल्थ केयर में निवेश करने की दी सलाह

उन्होंने कहा कि मौजूदा जानकारी के मुताबिक, भारत में उपलब्ध वैक्सीनें कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ काफी प्रभावशाली हैं, लेकिन कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जहां पर दोनों डोज लेने वाले लोगों को भी संक्रमित पाया गया है। लेकिन ऐसा कुछ मामलों में होता है। क्योंकि कोई वैक्सीन सौ फीसदी बचाव नहीं कर सकती है। हालांकि अधिकांश दोनों डोज लेने वाले लोगों ने इस बीमारी को मात दी है। इसके साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि हेल्थ केयर में निवेश करना बेहद आवश्यकत है, क्योंकि हमारी जिंदगी में बिना स्वास्थ्य के कुछ भी नहीं है।

Shreya

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