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सावधान! कोविड-19 वैक्सीन की मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर WHO ने चेताया
WHO: कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया भर में लड़ाई जारी है। ऐसी कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेट हो सकें।
WHO: कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया भर में लड़ाई जारी है। ऐसी कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीनेट हो सकें। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर सतर्क किया है। स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी इसे लेकर डाटा सामने नहीं आया है
WHO की मुख्य वैज्ञानिक ने क्या कहा
संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि विभिन्न वैक्सीन का इस्तेमाल पहले और दूसरे डोज़ के तौर पर करना एक खतरनाक ट्रेंड है।
खतरनाक ट्रेंड
स्वामीनाथन ने कहा कि कई लोगों ने हमसे पूछा की उन्होंने वैक्सीन की एक डोज़ ली है। अब उनकी योजना किसी और कंपनी से वैक्सीन लेने वाली है। हालांकि यह थोड़ा खतरनाक ट्रेंड है. फिलहाल उनके पास वैक्सीन के मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर कोई डाटा नहीं है। अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन को मिलाने और मैचिंग करने का यह तरीका इम्युनिटी बढ़ाने का काम करता है।फाइजर और sputnik के दोनों डोज़ दिए जा रहे है, जबकि स्पुतनिक वी और जॉनसन एंड जॉनसन के वैक्सीन का सिर्फ एक ही डोज़ दिया जा रहा है। स्वामीनाथन का कहना है कि इस मामले में अभी अध्ययन किया जा रहा है। फिलहाल इंतज़ार किया जा रहा है। इस वक्त हमारे पास एस्ट्रेजेनिक वैक्सीन को लेकर डेटा है। इसके साथ ही स्वामीनाथन ने पूरे विश्व में वैक्सीन के एक समान वितरण पर जोर दिया।
इस खबर ने बड़ाई टेंशन
बेल्जियम से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां महिला एक ही वक्त पर वायरस के दो अलग-अलग अल्फा और बीटा वैरिएंट से संक्रमित हो गई. अल्फा सबसे पहले ब्रिटेन और बीटा सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था.
महिला को नहीं लगा था टीका
90 साल की बुजुर्ग महिला ने वैक्सीन नहीं लगवाई थी। घर में ही रहकर अपना इलाज करवा रही थी। हालात बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान उसका कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. हालांकि धीरे धीरे उसकी तबियत बिगड़ने लगी. पांचवे दिन उसकी मौत हो गई।
दोनों वैरिएंट बेहद खतरनाक
मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट के अनुसार, बेल्जियम में अल्फा और बीटा वैरिएंट फैल रहे हैं। मुमकिन है कि यह दोनों वैरिएंट अलग-अलग लोगों के माध्यम से महिला में आये हो। इस गंभीर मसले को सुलझाने के लिए अब euoropian कांग्रेस ऑफ क्लीनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड infectious डिजीज को रिपॉर्ट भेजा गया है।