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World Earth Day 2022: क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस, आइए जाने इससे जुड़ा खास ज्ञान

Earth Day: विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 से ही हो गई थी बगर इस जागरूकता दिवस को बड़े स्तर पर मनाने की शुरुआत 90 के दशक में की गई।

Bishwajeet Kumar
Published on: 22 April 2022 8:32 AM IST (Updated on: 22 April 2022 8:37 AM IST)
World Earth Day
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World Earth Day 2022 (Image Credit : Social Media) 

World Earth Day 2022 : मनुष्य अपने जीवन में सुख सुविधाओं को बनाने के लिए तथा जीवन को और सरल करने के लिए पर्यावरण के साथ जमकर छेड़छाड़ किया है। जिसके कारण आज इसका दुष्प्रभाव दुनिया के हर कोने में देखा जा रहा है। कहीं बेमौसम बारिश, तो कहीं अचानक गर्मी का बढ़ जाना, तो कहीं गर्म क्षेत्रों में भी ठंड बढ़ जाना। यह सब पर्यावरण के साथ हुई छेड़छाड़ का ही नतीजा है। ग्लोबल वार्मिंग (Global warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) जैसे गंभीर समस्याओं पर चिंतन करने के लिए तथा विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण (Environment protection) और पृथ्वी के प्रति लोगों को संरक्षण संबंधित जानकारियां देने के लिए हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है।

क्यों 22 अप्रैल को ही मनाया जाता है पृथ्वी दिवस?

विश्व पृथ्वी दिवस मनाने की शुरुआत 1970 से ही हो गई थी बगर इस जागरूकता दिवस को बड़े स्तर पर मनाने की शुरुआत 90 के दशक में की गई। यह दिवस किसी देश किसी धर्म किसी जात का उत्सव नहीं यह एक आंदोलन बन चुका है क्योंकि मौजूदा वक्त में हम मनुष्यों ने पर्यावरण के साथ इतना छेड़छाड़ कर दिया है की अब यह छेड़छाड़ हमारे ही जीवन पर भारी पड़ रहा है।

जब मनुष्यों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 60 और 70 के दशक में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और पहाड़ों को काटकर सड़कें बनाने का काम शुरू कर दिया था तो दुनिया का ध्यान आने वाली परिस्थितियों (भविष्य) में होने वाली समस्याओं के तरफ भी जाने लगा। जिसके लिए 1969 में 22 अप्रैल को एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस विशेष सम्मेलन में अमेरिकी सीनेट जेराल्ड नेल्सन द्वारा घोषणा किया गया कि 1970 से पर्यावरण के संरक्षण के लिए देशभर में प्रदर्शन किया जाएगा।

इस घोषणा के बाद अगले साल देश के हर स्कूल वाले और इंस्टिट्यूट में पर्यावरण के संरक्षण के लिए किए जाने वाले इस प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। यह प्रदर्शन अगले 2 साल तक काफी बड़े स्तर पर मनाया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए उस वक्त सबसे ज्यादा कार्य फिल्म और टीवी अभिनेता एड्डी अल्बर्ट ने किया। इस पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम के समापन के बाद अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन कुछ दिन बाद घूमने चले गए। जहां उन्होंने देखा कि तेल रिसाव के कारण नदियों का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है उसमें से जहरीली गैस से निकलने लगी है जिसके कारण नदी के अंदर के सभी जलीय जीव और जंतु मरने लगे हैं।

इन सब गंभीर स्थितियों को देखते हुए सीनेटर जेराल्ड नेसल्स ने अपनी यात्रा को रोक कर ही वापस वाशिंगटन लौटने का फैसला किया। जिसके बाद उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने का घोषणा किया तथा इस संदर्भ में एक बिल पारित किया। ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल आया कि आखिर 22 अप्रैल को ही क्यों पर्यावरण संरक्षण वाले पृथ्वी दिवस को मनाने के लिए चुना गया। 22 अप्रैल को ही पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाने का कारण यह था कि पर्यावरण संरक्षण सबसे ज्यादा काम करने वाले फिल्म और टीवी अभिनेता एड्डी अल्बर्ट का जन्मदिन भी 22 अप्रैल को ही था।

हर रोज बढ़ रहा पृथ्वी पर खतरा

विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जाए तथा तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण मौजूदा वक्त में दिख रहे दुष्प्रभाव तथा भविष्य में आने वाले भयंकर दुष्परिणामों से सचेत किया जाए। आज हर रोज दुनिया में औद्योगिकरण तेजी से हो रहा है हर रोज जनसंख्या बढ़ती जा रही है। मनुष्य खुद के लिए घर बनाता है तो पक्षियों के घर को उजाड़ देता है। पेड़ों की तेजी से कटाई के कारण आज पृथ्वी पर बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है।

अंधाधुंध कटाई के कारण आज भूमिगत जल स्तर भी तेजी से नीचे चला जा रहा है। जल संरक्षण की नीतियां बनाए जाने के बाद भी उसका इंप्लीमेंटेशन सही तरीके से ना होने के कारण आज विश्व भर के कई इलाकों में पानी की एक बूंद भी नहीं मौजूद है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर स्थिति पर अभी भी नियंत्रण नहीं पाया गया तो आने वाले वक्त में हमें प्रकृति की और मार झेलनी पड़ेगी। विश्व पृथ्वी दिवस का सबसे बड़ा उद्देश्य यही है कि लोगों को पृथ्वी को बचाने की दिशा में काम करने को प्रेरित किया जाए तथा बताया जाए कि प्रकृति से छेड़छाड़ करने के कारण आने वाले वक्त में हमें ही इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा।



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Bishwajeet Kumar

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