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World Sparrow Day: बचाना है विलुप्त हो रही गौरेया को, जिनकी चहचहाहट गूंजती थी आंगन में

World Sparrow Day: हर साल गौरेया दिवस विलुप्त की कगार पर आ गई गौरेया के प्रति लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के लिए उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है।

Vidushi Mishra
Written By Vidushi Mishra
Published on: 20 March 2022 11:24 AM IST (Updated on: 20 March 2022 11:28 AM IST)
World Sparrow Day
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विश्व गौरैया दिवस (फोटो-न्यूजट्रैक)

World Sparrow Day: प्रत्येक वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जाता है। नन्ही चिड़िया गौरेया दुनिया के कई देशों में पाई जाती है। हर साल ये दिवस विलुप्त की कगार पर आ गई गौरेया के प्रति लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के लिए उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है। तेजी से बढ़ते प्रदूषण, बाज-चील, पतंगों से समेत अन्य कई कारणों से गौरेया की संख्या में बहुत कमी आई है। जिसकी वजह से अब नन्ही चिड़ियां का अस्तित्व खत्म होने की कगार है, जिसे हम सबको मिलकर बचाना है।

गौरैया की लगातार घटती संख्या को लेकर एक रिपोर्ट में बताया गया कि इस पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए इंसान ही जिम्मेदार है।


दरअसल गौरैया की घटती संख्या के पीछे जो कारण सामने आए हैं वो उनके रहवास की समस्या के साथ सबसे बड़ा कारण मोबाइल रेडिएशन हैं।


शहरों में रहवास ना होने की वजह से गौरैया करंट या तीव्र ध्वनि की चपेट में आने से विलुप्त होती जा रही है।


साथ ही मोबाइल रेडिएशन की वजह से मादा गौरैया की प्रजनन क्षमता भी खत्म हो जाती है।


बता दें, साल 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया था।


छोटी चिड़िया गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है।


इस चिड़िया की ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं। वहीं एक गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है।


अपना जीवनयापन करने के लिए गौरैया अनाज और कीड़े खाती है।

ये गौरेया शहरों की अपेक्षा गांवों में रहना ज्यादा पसंद है। शहर के प्रदूषण और शोर-शराबा गौरेया को रास नहीं आता है।

गौरेया दिवस के अवसर पर नन्ही चिड़िया गौरैया के संरक्षण के लिए काम कर रहे लोगों को गौरैया पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है।







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