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World Water Day: आप भी पृथ्वी को लौटाएं पानी, घर में करें रेन वाटर हार्वेस्टिंग
Rain Water Harvesting : हम जिस तरह प्राकृतिक भूगर्भ जल भंडार को लगातार खाली कर रहे हैं, उसे रिचार्ज करने की जिम्मेदारी भी हमारी ही बनती है।
World Water Day: धरती से पानी निकालने के लिए दिनोंदिन ज्यादा गहराई में जाना पड़ रहा है। घर-घर में सबमर्सिबल पंप (Submersible Pump) लगाए जाने लगे हैं। पानी सब निकाल रहे हैं लेकिन शायद ही कोई धरती को पानी वापस लौटाने के बारे में सोचता है।
ये जान लीजिए, कि बोरिंग (Boring) अथवा नलकूपों के जरिए बेइंतहा पानी निकालकर आप जिस प्राकृतिक भूगर्भ जल भंडार को लगातार खाली कर रहे हैं, उसे पूरा करने की जिम्मेदारी सबकी भी बनती है। थोड़ा पैसा खर्च बरसात के पानी को भूगर्भ जल स्रोतों में पहुंचाकर धरती का ऋण कुछ हद तक चुका सकते हैं। लौटाया पानी भविष्य में इसी समाज के काम आएगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, भूगर्भ जल रिचार्जिंग (Groundwater recharge) की कोई भी विधि अपनाने के लिए निर्माण कार्य महीने-सवा महीने में पूरा हो सकता है।
क्या करें?
छोटे अथवा मध्यम साइज के घरों की छत पर गिरने वाले बारिश के पानी को भूगर्भीय जल स्रोतों में पहुंचाया जा सकता है। 100 मि.मी. बारिश होने पर एक घर की करीब 100 वर्ग मी. क्षेत्रफल की छत पर हर वर्ष बरसात में 1 लाख लीटर वर्षा जल गिरता है, जो सीवर और नालों में बहकर व्यर्थ चला जाता है। वर्षा जल संचयन की विधि अपनाकर इसमें से 80 हजार लीटर पानी को भूजल भंडारों जल की भावी पूंजी के रूप में जमा किया जा सकता है।
क्या है विधि?
अगर आपका घर ऐसे क्षेत्र में है, जहां सतह से थोड़ी गहराई पर ही बालू का स्ट्रेटा मौजूद है, तो 'रिचार्ज पिट' यानी फिल्टर मीडिया से भरा दो से तीन मीटर गहरा गड्ढा बनाकर छतों पर गिरने वाले वर्षा जल को जमीन के भीतर डाइवर्ट किया जा सकता है। ऐसे उथले स्ट्रेटा वाले क्षेत्र में 200 वर्ग मीटर की छत के लिए पिट के बजाए बगीचे के किनारे गड्ढा बनाकर बारिश के पानी को रिचार्ज कराया जा सकता है। जिन इलाकों में बालू का स्ट्रेटा 10 से 15 मीटर अथवा अधिक गहराई पर मौजूद है तो वहां पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए एक रिचार्ज चेंबर बनाकर 'बोर-वेल' के जरिए रिचार्जिंग कराई जा सकती है।
कितना आता है खर्च?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, 100 से 300 वर्ग मीटर की छत के लिए इस तकनीक पर 15 से 30 हजार रुपए का एक बार का खर्च आ सकता है। यह तकनीक उन क्षेत्रों में उपयुक्त है जहां ऊपरी स्ट्रेटा चिकनी मिट्टी का बना हुआ है। वैसे घर के आस-पास कोई सूखा कुआं मौजूद हो तो उसे सीधे रिचार्ज के लिए उपयोग में लाया जा सकता है और इसमें खर्च भी अपेक्षाकृत कम आता है।