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योगेन्द्र यादव को संयुक्त किसान मोर्चा से एक महीने के लिए किया निलंबित, ये था कारण
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने दिग्गज साथी योगेंद्र यादव को संगठन से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर 'शोक' प्रकट करने के कारण दी है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने दिग्गज साथी योगेंद्र यादव को संगठन से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया। इस दौरान वे संयुक्त किसान मोर्चा की किसी भी गतिविधि या बैठक में भाग नहीं लें सकेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने उन्हें यह सजा उनके द्वारा लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं की मृत्यु पर 'शोक' प्रकट करने के कारण दी है।
योगेंद्र यादव के इस कदम के बाद से पंजाब के किसान संगठन उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे, लेकिन आज किसान मोर्चा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया।
जानिए क्या था मामला
सिंधु बॉर्डर पर गुरुवार को हुई किसानों की बैठक के बाद डॉक्टर अशोक धवले ने अमर उजाला से कहा कि योगेंद्र यादव का निष्कासन एक अनुशासनात्मक प्रक्रिया है। लखीमपुर खीरी में मारे गए किसान नेताओं के घर पर 12 अक्टूबर को जब अरदास का कार्यक्रम रखा गया था, तब वापसी के समय योगेंद्र यादव इसी घटना के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर पर भी चले गए थे। उन्होंने मृतक के परिवार से मुलाकात कर मानवीय आधार पर परिवार से अपनी अपनी संवेदना प्रकट की थी लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के पंजाब से जुड़े किसान संगठनों और किसान नेताओं ने योगेंद्र यादव के इस कृत्य को आपत्तिजनक बताया।
बैठक में इन किसान नेताओं ने कहा कि जिन भाजपा नेताओं के कारण उनके किसान साथियों और एक पत्रकार की मौत हुई है, उनके घर जाकर शोक प्रकट करना मृतक किसानों और उनके परिवार के लोगों की भावनाओं की दृष्टि से उचित नहीं था।किसान नेताओं ने कहा कि योगेंद्र यादव को भाजपा नेताओं के घर नहीं जाना चाहिए था और उन्हें अपनी गलती के लिए सबसे माफ़ी मांगनी चाहिए।
आपको बता दें कि लखीमपुर हिसा में मारे गए शुभम मिश्रा के घर जाने के बाद योगेंद्र यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर उनके परिवार से मुलाकात की कुछ तस्वीरें साझा की थीं. इसके अलावा उन्होंने ट्वीट में लिखा था, "शहीद किसान श्रद्धांजलि सभा से वापिसी में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के घर गए. परिवार ने हम पर गुस्सा नही किया. बस दुखी मन से सवाल पूछे: क्या हम किसान नहीं? हमारे बेटे का क्या कसूर था? आपके साथी ने एक्शन रिएक्शन वाली बात क्यों कही? उनके सवाल कान में गूंज रहे हैं!"
गौर रहे कि 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर थार गाड़ी चढ़ा दी गई थी। इस घटना में चार किसान और एक पत्रकार की जान चली गई थी। इसके बाद वहां हुई हिंसा में चार बीजेपी के कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप लगे और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।