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Rojgar: केंद्र सरकार में 8 लाख से अधिक पद खाली, फिर भी युवाओं के हाथ हैं खाली, जानें कहां कितनी है रिक्तियां

इन दिनों उत्तर प्रदेश और बिहार में छात्रों द्वारा बेरोजगारी को लेकर सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया जा रहा है। हालांकि आंकड़ों को देखें तो केंद्र सरकार में 8 लाख से भी अधिक पद खाली होने के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Krishna
Published on: 29 Jan 2022 2:52 PM GMT
Rojgar: केंद्र सरकार में 8 लाख से अधिक पद खाली, फिर भी युवाओं के हाथ हैं खाली, जानें कहां कितनी है रिक्तियां
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प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। बीते कुछ सालों से देश में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है। समय-समय पर युवाओँ का आक्रोश किसी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के रूप में सामने आता रहा है। बिहार, यूपी, एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत तमाम हिंदी भाषी राज्यों में सरकारी नौकरी का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा रहा है। ये राज्य युवाओं के कई ऐसे प्रदर्शनों का गवाह रह चुके हैं। इसी कड़ी में रेलवे की एक परीक्षा में हुए धांधली में ने लाखों युवाओं को एकबार फिर सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया है।

RRB-NTPC की परीक्षा में धांधली, मनमानी और लेटलतीफी ने युवाओं के गुस्से में घी डालने का काम किया। अब तक कुंभरकरण की निंद्रा में सोयी सरकार तब उठी जब नाराज और हताश युवाओं को बहरे कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए हिंसा का सहारा लेना पड़ा। इस दौरान छात्रों पर जमकर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज और पुलिसिया कार्रवाई हुई। सरकार इन अप्रिय घटनाओं को टाल सकती थी या यूं कहें की होने ही नहीं देती। अगर सरकार अपने यहां खाली पड़े पदों पर ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से भरती। सरकार चाहे तो हर साल लाखों युवाओं को सरकारी नौकरी दे सकती है। ये मैं नहीं कह रहा, ये लोकसभा में सरकार द्वारा दिए गए आंकड़े हैं। संसद में सरकार द्वारी दी गई जानकारी के अनुसार अकेले केंद्र सरकार में ही लाखों पद रिक्त पड़े हुए हैं।

केंद्र सरकार में खाली पड़े पद

2 दिसंबर 2021 को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब के दौरान केंद्रीय कार्मिक मंत्री जीतेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बताया था कि 1 मार्च 2020 तक केंद्र सरकार में 8 लाख 72 हजार पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय मंत्री ने ये जवाब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राज्यसभा सासंद सुखराम सिंह यादव (Sukhram Singh Yadav) के सवाल के जवाब के तौर पर दी थी। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश की सबसे बड़ी नियोक्ता भारतीय रेलवे में दो लाख से अधिक पद खाली हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय में एक लाख तीस हजार के करीब पद खाली पड़े हैं। विज्ञान और तकनीकी विभाग में स्वीकृत 12444 पदों के मुकाबले सिर्फ 4217 लोग ही काम कर रहे हैं। नदी एवं जलसंसाधन विभाग में 4557 पद खाली हैं। देश में सत्ता का सबसे बड़ा केंद्र पीएमओ (PMO) में भी 26 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा जिस संस्था पर देश के विकास के लिए नीति बनाने का जिम्मा है वहां भी 32 प्रतिशत पद खाली है। ये पद कितने समय से खाली है इसकी जानकारी संसद में मुहैया नहीं करायी गई। इसके अलावा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी संसद को बता चुंकी है कि देश के सरकारी बैंकों में 41 हजारा से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। ऐसे ही देशभर में शिक्षकों की कमी के बारे में बात करें तो सरकारी स्कूलों में 10 लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इनमे हिंदी भाषी दो प्रमुख राज्य यूपी और बिहार शीर्ष पर हैं।

बताते चलें कि एनएसएसओ (NSSO) के एक आंकड़े के अनुसार देश में बेरोजगारी की दर बीते 45 साल के अपने उच्चतम स्तर पर है। इस आंकड़े के बाहर आने के बाद खुब बवाल उठा था। ऐसे में सवाल उठता है कि सालभर में एक करोड़ नौकरियों का सब्जबाग दिखाने वाली मोदी सरकार (Modi Government) अपने मातहत पड़े लाखों खाली पद क्यों नहीं भर रही।

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