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Delhi Tihar Jail History: तिहाड़ जेल, अपराधियों और अपराध का मकड़जाल

Delhi Tihar Jail History: दोनों ही काण्ड जेल में ही बंद दुसरे दुर्दांत अपराधियों ने किये। देश की राजधानी में स्थित इस जेल के किस्से एक नहीं अनेक हैं।

Neelmani Laal
Published on: 3 May 2023 10:30 AM GMT

Delhi Tihar Jail History: भारत की बड़ी जेलों में से एक तिहाड़ इन दिनों काफी चर्चा में है। चर्चा किसी अच्छी बात की नहीं बल्कि जेल में हत्याओं की है। कुछ दिन पहले प्रिंस तेवतिया नामक गैंगस्टर की ह्त्या हुई थी और अब सुनील बाल्यान उर्फ़ टिल्लू ताजपुरिया की ह्त्या हुई है। दोनों ही काण्ड जेल ही बंद दुसरे दुर्दांत अपराधियों ने किये। देश की राजधानी में स्थित इस जेल के किस्से एक नहीं अनेक हैं।

भारत की सबसे बड़ी जेल

तिहाड़ जेल ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी जेल है, बल्कि इसकी गिनती दुनिया की सबसी बड़ी जेलों में से की जाती है। यह जेल कई हिस्सों में बंटी हुई है और इसमें 9 सेंट्रल जेल शामिल हैं। तिहाड़ जेल को तिहाड़ आश्रम भी कहा जाता है जो दिल्ली के चाणक्यपुरी से 7 किमी दूर तिहाड़ा गांव में स्थित है। तिहाड़ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जेल परिसर है जिसे 1957 में बनाया गया था। 1966 में इसकी बागडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली को दे दी गई थी। 1984 में इसमें और भी सुविधाए जोड़ दी गईं और इस पूरे कॉम्पलेक्स को तिहाड़ जेल का नाम दे दिया गया।

तिहाड़ जेल को दिल्ली कारागार विभाग चलाता है। तिहाड़ परिसर की हर जेल में अलग अलग कैदी रहते हैं और कैदियों का बंटवारा उनके नाम, लिंग, क्राइम और सजा के आधार पर किया जाता है। तिहाड़ जेल करीब 400 एकड़ क्षेत्र में फ़ैली हुई है। बाकी जेलों की तरह इस जेल में भी क्षमता से कहीं ज्यादा कैदी रखे गए हैं। 2019 में पूरे जेल की क्षमता 10,026 थी, लेकिन उस वक्त जेल में 17534 कैदी थे। यहाँ विचाराधीन कैदियों की संख्या काफी ज्यादा है।

अपराधों का अड्डा

जेल के भीतर से भी कई गैंग काम करते हैं और बाहर से आने वाले कैदियों के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। तिहाड़ जेल में दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित कई राज्यों के खूंखार कैदियों को रखा जाता है, लेकिन समय के साथ यह जेल अपने आप में अपराध का सबसे बड़ा अड्डा बन गया। आलम यह है कि यहां कई बार हत्या जैसे जघन्य अपराध हो चुके हैं। बताया जाता है कि इस जेल में लगभग 20 क्रिमिनल गैंग और 30 छोटे गैंग काम करते हैं। यहां ऑपरेट करने वाले गैंग जेल के भीतर रह रहे कैदियों के मुखियाओं के नाम से चलते हैं. इनमें से कुछ के नाम हैं, हड्डी, अट्टे, किकड़ी, रवि दाबोलिया, बीड़ी, चवन्नी-अठन्नी, बवनिया। दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा के तमाम गैंगस्टर सीखचों के भीतर से अपना धंधा चलाते हैं। जेल के भीतर ख़ून-खराबा तो आम बात है और मोबाइल फोन का इस्तेमाल तो धड़ल्ले से किया जाता है। जेल में बंद गैंगस्टर्स के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती। अपराध के जरिए कमाया गया पैसा जेल की सुख सुविधाओं को खरीदने में काम आता है। बताया जाता है कि इस जेल का एक छोटा से छोटा सिपाही महंगी कारों में घूमता है। तिहाड़ जेल के बारे में बातें तो बहुत होती हैं लेकिन यहाँ भीतर चलता साम्राज्य इतना अजतिल है कि टूटते नहीं टूटता।

ये वही जेल है जिसके सन्दर्भ में चार्ल्स शोभराज का जिक्र जरूर होता है। बिकिनी किलर नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज को तिहाड़ जेल में फाइव स्टार होटल की तरह ट्रीटमेंट मिलता था। 16 मार्च, 1986 को चार्ल्स शोभराज ने जेल में अपना जन्मदिन मनाया और केक में नशा मिलाकर सभी जेलकर्मियों को खिला दिया था और तिहाड़ से अपने साथियों के साथ फरार हो गया। तिहाड़ जेल की इतिहास में इस तरह की लापरवाही का यह पहला मामला था।

नी लॉन्ड्रिंग मामले में सजा काट रहे महाठग सुकेश चंद्रशेखर को लेकर भी तिहाड़ जेल काफी बदनाम रहा है। इसी जेल में रहते हुए सुकेश ने गृह मंत्रालय का अफसर बनकर 200 करोड़ की ठगी कर डाली थी। जेल में खुद को प्रताड़ित होने से बचाने और अपना सिंडिकेट चलाने के एवज में सुकेश तिहाड़ जेल के अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत देता था। इस मामले में कई जेल अधिकारी सस्पेंड हुए थे।

2015 में तिहाड़ जेल के दो कैदियों ने एक दीवार के नीचे से 10 फीट की सुरंग खोद डाली थी, ताकि वे वहां से भाग सकें। भागते वक्त एक कैदी तो पकड लिया गया लेकिन एक भाग निकला था।

Neelmani Laal

Neelmani Laal

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