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Allahabad University News: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आयोजित हुआ 9वां इंडक्शन प्रोग्राम

Allahabad University News: प्रो नीलिमा गुप्ता ने अपने उद्घाटन भाषण में बहु-विषयक शिक्षा की भूमिका और ऑनलाइन शिक्षण के समसामयिक सन्दर्भ में ज़रुरत और उसकी कमियों के बारे में चर्चा की।उन्होंने शिक्षा, चरित्र विकास और आजीवन सीखने की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 25 Aug 2022 7:14 PM IST
9th induction program organized in allahabad university
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Allahabad UniversityNews (Social Media)

Allahabad University News: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गुरु दक्षिणा योजना के तहत यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये जा रहे 9वें फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम का उद्घाटन आज यानी 25 अगस्त, 2022 को ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया। इस अवसर पर डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता मुख्य अतिथि रहीं। और कार्यक्रम की अध्यक्षता इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. आशीष सक्सेना, निदेशक, यूजीसी-मानव संसाधन विकास केंद्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के औपचारिक स्वागत भाषण से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने यूजीसी द्वारा सुझाए गए फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम और इसके विभिन्न मॉड्यूल को रेखांकित किया। प्रो नीलिमा गुप्ता ने अपने उद्घाटन भाषण में बहु-विषयक शिक्षा की भूमिका और ऑनलाइन शिक्षण के समसामयिक सन्दर्भ में ज़रुरत और उसकी कमियों के बारे में चर्चा की।उन्होंने शिक्षा, चरित्र विकास और आजीवन सीखने की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, महात्मा गांधी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जैसे आधुनिक भारत के निर्माताओं का उल्लेख किया।


अच्छी भाषा है, व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण अंग- प्रो. संगीता श्रीवास्तव

अध्यक्षीय भाषण में प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने विज्ञान, नए ज्ञान, जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं और शिक्षा के ज्ञान और ज्ञान के उन्नयन की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने व्यावसायिकता और मूल्य प्रणाली विकसित करने में व्यावहारिक अनुभवों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इच्छाशक्ति, नम्रता और निडरता को विकसित करके शक्तिशाली व्यक्तित्व को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया। अपने व्यावहारिकता से परिपूर्ण और ज्ञानोपयोगी सम्बोधन में उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों को निर्णय लेने और टीम वर्क की आवश्यकता वाले असाइनमेंट और अभ्यास के माध्यम से कक्षा में नेतृत्व कौशल और टीम वर्क की भावना को शामिल करना चाहिए। कुलपति ने कहा कि न केवल लेखकों के रूप में बल्कि वक्ताओं के रूप में भी युवाओं के संचार कौशल को सम्मानित और तेज करने की आवश्यकता है। अच्छी भाषा का प्रयोग करते हुए स्पष्टता के साथ विचारों को सामने रखने की क्षमता व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण अंग है।

इस 9वें फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के समन्वयक, डॉ विजय कुमार रॉय ने कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा और कार्यक्रम प्रदान किया, जिसके बाद यूजीसी-एचआरडीसी के सहायक निदेशक डॉ सुधांशु कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया।



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