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वीजा बनवाने के लिए ऐसे करें आवेदन, जानें इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी

Shivakant Shukla
Published on: 5 Dec 2018 9:14 AM GMT
वीजा बनवाने के लिए ऐसे करें आवेदन, जानें इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी
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लखनऊ: वीजा किसी भी दूसरे देश से आने वाले लोगों के लिए अनुमति पत्र की तरह होता है। किसी दूसरे देश के नागरिक को भारत में आने के लिए भी वीजा की जरूरत पड़ती है। भारत के व्यक्ति को भी दूसरे देशों में जाने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है। वीजा बनवाने के लिए किसी खास योग्यता की जरूरत नहीं होती है। आज newstrack.com आपको वीजा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को बताने जा रहा है। वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। आज हम आपको भारत के लिए वीजा के आवेदन की प्रक्रिया के बारे में बताने वाले हैं।

वीजा क्या है और कब से हुई इसकी जरूरत?

वीजा वह दस्तावेज होता है जो किसी व्यक्ति को अन्य देश में प्रवेश करने की अनुमति देता है। दरअसल दूसरे देशों में जाने के लिए इस तरह के प्रतिबंध की शुरुआत मुख्य तौर पर प्रथम विश्वयुद्ध के बाद सामने आई। किसी देश के वीजा संबंधी नियम अन्य देशों से संबंधों पर निर्भर करते हैं। इनमें सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और अप्रवासी लोगों की आर्थिक स्थिति जैसे तथ्य अहम भूमिका निभाते हैं।

वीजा के लिए ऐसे करें आॅनलाइन आवेदन

1. सबसे पहले indianvisaonline.gov.in पर जाएं। वहां एक ऑरेंज बटन होगा जिस पर “Regular Visa Application” लिखा होगा। इस पर क्लिक करें। इसके बाद आपके सामने वीजा से संबंधित सूचनाएं देने वाले सवाल दिखेंगे।

2. वीजा के लिए दिए गए फॉर्म में संबंधित जानकारियां भरें। जैसे- आप किस देश से वीजा का फॉर्म भर रहे हैं, या किस डेट को आप भारत पहुंचेंगे। इसके अलावा कुछ पर्सनल डिटेल्स भी वहां आपको भरना होगा। इसके बाद आप किस परपज से भारत आ रहे हैं यह भी आपको फॉर्म में भरना होगा। सबसे अंत में कैप्चा कोड भरकर “Continue” वाले बटन पर क्लिक करें।

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3. फॉर्म के अगले हिस्से में आपको कुछ पर्सनल जानकारियां देनी होंगी। यहां आपको एक अस्थायी आवेदन आईडी दी जाएगी। इसे आप कहीं लिख लें। इसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब किसी वजह से आप फॉर्म पूरा नहीं भर पा रहे हों। इस आईडी की मदद से आप दोबारा फॉर्म भरने का काम वहीं से शुरू कर पाएंगे जहां आपने इसे छोड़ा था।

4. फॉर्म का अगला हिस्सा दो भागों में होगा। पहले में आपको आवेदन विवरण देना होगा। और दूसरे में पासपोर्ट डिटेल्स की जानकारी देनी होगी। दोनों हिस्सों को भरने के बाद “Save and Continue” पर क्लिक करें।

5. इसके बाद फॉर्म के अगले हिस्से में आपको अपने एड्रेस के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही आपके माता और पिता की डिटेल्स को भी भरना होगा। इन सबके साथ आपको अपना एक मोबाइल फोन नंबर भी देना होगा जिस पर आपसे बात की जा सके। बिना फोन नंबर भरे आप फॉर्म के अगले पेज पर नहीं जा सकते।

6. इसके बाद आपसे आपके मैरिटल स्टेटस के बारे में पूछा जाएगा। साथ ही आपको अपने प्रोफेशन की भी जानकारी देनी होगी। सारी चीजें भरने के बाद “Save and Continue” या “Save and Temporarily Exit” पर क्लिक करना है।

7. आगे आपके सामने Visa Details Form आएगा। इसमें आपको वीजा से संबंधित डिटेल्स प्रोवाइड करानी होगी। जैसे - आप किस तरह का वीजा चाहते हैं? एंट्रीज की संख्या, आने का उद्देश्य, आदि। अंत में आपको यह भी बताना होगा कि आपने इससे पहले कभी भारत के वीजा के लिए आवेदन किया है या नहीं? और पिछले 10 सालों में आपने किन-किन देशों की यात्राएं की हैं।

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8. अगले पेज पर आपको यह भी बताना होगा कि क्या आपने पिछले 3 साल में किसी सार्क देश की यात्रा की है या नहीं। साथ ही पेज के अंत में आपको भारत में रहने वाले किसी व्यक्ति का रिफरेंस भी देना होगा।

9. सबसे अंत में आपको अपना एक पासपोर्ट साइज फोटो अपलोड करना होता है। इसके लिए पेज पर दिए "Choose File" ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें। फोटो सेलेक्ट करने के बाद अपलोड बटन पर क्लिक करें।

10. फॉर्म पूरा भरने के बाद उसका प्रिंटआउट निकाल लें। इसमें आपको दो जगह साइन करना होगा। पहला फोटोग्राफ के नीचे और दूसरा पेज के सबसे अंत में “Declaration” वाले कॉलम में।

अमेरिका जाने के लिए वीजा के लिए क्या है नियम?

भारतीय नागरिक अमेरिका जाने के लिए यूएस सिटिजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) से अप्रूवल मिलने के बाद ही वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। बहुत से नॉन-इमिग्रैंट यूएस वर्क वीजा के लिए एम्प्लॉयर को यूएससीआईएस में पेटिशन दायर करनी पड़ती है। जब यह पेटिशन अप्रूव हो जाता है तब आवेदक वीजा के लिए आवेदन कर सकता है। अमेरिका के लिए कई कटेगरी में वर्क वीजा जारी किए जाते हैं। काम के आधार पर अलग-अलग तरह के ऐसे ही अमेरिकी वर्क वीजा के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।

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H-1B वर्क वीजा - एच-1बी वीजा का आवेदन करने के लिए आवेदक के पास कम से कम एक मास्टर/हायर डिग्री होना चाहिए। साथ ही एच-1बी वीजा ऐप्लीकेशन के आवेदक की कमाई 60,000 डॉलर वार्षिक होनी चाहिए।

H-2B वर्क वीजा - इस तरह के वीजा का आवेदन करने के लिए आवेदन पत्र को श्रम विभाग से प्रमाणित होना चाहिए। यह सीजनल या टेम्पोरेरी जॉब्स के लिए इशू किया जाता है।

H-3 वर्क वीजा - ट्रेनी वर्कर्स के लिए यह वीजा जारी किया जाता है। जो लोग किसी काम की ट्रेनिंग के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं वे लोग इस तरह के वीजा के लिए आवेदन करते हैं।

H-4 वर्क वीजा - किसी भी तरह के H वीजाधारकों पर आश्रित लोगों के लिए यह वीजा जारी किया जाता है। एच वीजा वाले लोगों से मिलने या उनका साथ देने के लिए जो लोग अमेरिका जाते हैं, यह वीजा उनके लिए होता है। इन्हें वहां पर काम करने की इजाजत नहीं होती।

L-1 वर्क वीजा - किसी इंटरनेशनल कंपनी में मैनेजरियल या एक्सीक्यूटिव लेवल के लोग यह वीजा एप्लाइ करते हैं। अंतरराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले लोगों का ट्रांसफर अमेरिका में हो जाने पर भी यही वीजा लगता है।

L -2 वर्क वीजा - L-1 वीजा वाले लोगों पर आश्रित रहने वाले लोगों के लिए L-2 वीजा जारी किया जाता है। इस तरह के वीजाधारकों को वर्क परमिट के लिए अप्लाई करने की अनुमति होती है।

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O वर्क वीजा(एक्स्ट्राऑर्डिनरी एबिलिटी) - विज्ञान, कला, एजुकेशन, बिजनस, एथलेटिक्स या फिर टेलिविजन प्रॉडक्शन में एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी एचीवमेंट वाले लोगों को O वर्क वीजा अप्लाई करने की अनुमति होती है।

P वर्क वीजा - एथलीट, एंटरटेनर्स, आर्टिस्ट्स इत्यादि लोगों को यूएस में परफॉर्मेंस के लिए P वर्क वीजा जारी किया जाता है।

Q वर्क वीजा - इंटरनेशनल कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए यूएस जाने वाले लोगों को Q वर्क वीजा जारी किया जाता है।

वीजा के उद्देश्य

हर देश अपने उद्देश्यो के अनुसार अलग-अलग प्रकार का वीजा जारी करता है। उदाहरण के लिए भारत में 11 तरह के वीजा जारी किए जाते हैं, जैसे टूरिस्ट, बिजनेस, जर्नलिस्ट, ट्रांसिट, एंट्री,बिजनेस, आन अराइवल,पार्टनर आदी। एंट्री वीजा भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत आने के समय दिया जाता है। भारत फिनलैंड, जापान, लग्जमबर्ग, न्यूजीलैंड और सिंगापुर के नागरिकों को 'पर्यटक वीजा' जारी करता है।

कितने तरह का बनता है वीजा?

वीज़ा मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं, उत्प्रवासी वीज़ा और गैर प्रवासी वीज़ा। अगर कोई व्यक्ति किसी सीमित समय के लिए किसी देश जाना चाहता हो तो वह गैर प्रवासी वीजा लेकर जाएगा। लेकिन अगर उद्देश्य दूसरे देश जाकर वहाँ बसना हो तो इसके लिए प्रवासी वीजा लेना होता है। इन दोनों वर्ग में कई तरह के वीजा होते हैं, जो आमतौर पर दूसरे देश में ठहरने के समय और उद्देश्य पर निर्भर करते हैं।

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ट्रांजिट वीज़ा : यह वीज़ा ज्यादा से ज्यादा पांच दिनों के लिए मान्य होता है। इसे उस हालत में जारी किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी तीसरे देश से होकर गुजरना होता है।

टूरिस्ट वीज़ा : यह वीज़ा सिर्फ घूमने-फिरने के लिए जारी किया जाता है। इस वीजा को लेकर अगर किसी देश में जाते हैं तो आप किसी तरह की बिजनेस ऐक्टिविटीज़ से नहीं जुड़ सकते। कुछ देश टूरिस्ट वीज़ा जारी नहीं करते। सऊदी अरब ने टूरिस्ट वीज़ा 2004 से देने शुरू किए। हालांकि इसके पहले वह हज यात्रियों के लिए तीर्थस्थल वीज़ा जारी करता था।

बिजनेस वीज़ा : किसी दूसरे देश में व्यापारिक गतिविधियों मे हिस्सा लेने के लिए यह वीज़ा दिया जाता है। इसमें किसी पक्की नौकरी को भी शामिल किया जा सकता है और उसके लिए कार्य वीज़ा लिया जा सकता है।

जॉब के लिए वीजा : किसी और देश में नौकरी के लिए यह वीज़ा दिया जाता है। इसे हासिल करना थोड़ा मुश्किल होता है। बिजनेस वीज़ा की तुलना में यह कुछ ज्यादा दिनों के लिए वैलिड होता है।

ऑन-अराइवल वीज़ा : यह किसी देश में एंट्री के वक्त तुरंत जारी किया जाता है। हालांकि इसके लिए पहले से वीज़ा होना भी जरूरी है क्योंकि आपकी कंट्री का इमिग्रेशन डिपार्टमेंट फ्लाइट में बोर्ड करने से पहले ही उसे चेक करता है।

पार्टनर वीज़ा : दूसरे देश में रहने वाला कोई शख्स अगर अपने जीवनसाथी को अपने पास बुलाना चाहता है तो उसके पार्टनर को 'पार्टनर वीज़ा' दिया जाता है।

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स्टूडेंट वीज़ा : यह वीजा किसी देश में हायर स्टडीज के लिए दिया जाता है। यानी अगर आपको किसी डिग्री या कोर्स के लिए विदेश जाना है तो स्टूडेंट वीज़ा के लिए अप्लाई करना होगा।

वर्किंग हॉलिडे वीज़ा : यह उन लोगों के लिए होता है जिन्हें कंपनी या ऑर्गनाइजेशन की तरफ से वर्किंग हॉलिडे प्रोग्राम के लिए किसी दूसरे देश भेजा जाता है। इसमें घूमने के साथ टेंपररी वर्क करने की इजाजत होती है।

डिप्लोमैटिक वीज़ा : यह वीज़ा सिर्फ राजनयिकों के लिए होता है। यानी जिन लोगों के पास डिप्लोमैटिक पासपोर्ट होता है, उन्हें ही यह वीज़ा जारी किया जाता है।

कोर्टेज़ी वीज़ा : विदेशी सरकार या इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशनों के ऐसे अधिकारियों को यह वीज़ा दिया जाता है, जो डिप्लोमैट कैटिगरी में नहीं आते।

जर्नलिस्ट वीज़ा : न्यूज ऑर्गनाइजेशनों से जुड़े लोग इसी वीज़ा के जरिए एक देश से दूसरे देश में ट्रैवल करते हैं।

मैरिज वीज़ा : यह वीज़ा एक निश्चित समय के लिए जारी किया जाता है। मान लीजिए, कोई भारतीय युवक किसी अमेरिकी लड़की से शादी करना चाहता है तो वह शादी करने के लिए उसे भारत में बुला सकता है और ऐसे में उस लड़की को अमेरिका में इंडियन एंबेसी जाकर मैरिज वीज़ा के लिए अप्लाई करना होगा।

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इमिग्रेंट वीज़ा : यह उस कंडिशन में दिया जाता है जब कोई शख्स किसी दूसरे देश में बसना चाहता है। यह सिर्फ सिंगल जर्नी के लिए होता है यानी जब आप इस बात के लिए श्योर हों कि दूसरा देश इमिग्रेशन देने के लिए तैयार है, तभी वीज़ा मिलता है।

पेंशन वीज़ा (या रिटायरमेंट वीज़ा) : इस तरह का वीज़ा ऑस्ट्रेलिया और कुछ गिने-चुने देश ही जारी करते हैं। यह उन लोगों को ही दिया जाता है जिनका मकसद दूसरे देश में जाकर किसी तरह पैसा कमाने का नहीं होता। कुछ मामलों में व्यक्ति की उम्र का ध्यान भी रखा जाता है।

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