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इलाहाबाद HC ने इंजीनियरिंग कॉलेजो को दी राहत, छात्रो से लेंगे पुरानी बढ़ी फीस

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग की शिक्षा दे रहे प्राइवेट कॉलेजो को राहत दी है। बीटेक, एमटेक और एमबीए कोर्स की पढ़ाई के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा कम की गई फीस के खिलाफ इंजीनियरिंग कॉलेज की याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि कॉलेज सरकार द्वारा कम की गई फीस की जगह 2013 में बढ़ी हुई फीस छात्रों से लें।

priyankajoshi
Published on: 29 Jun 2017 2:27 PM GMT
इलाहाबाद HC ने इंजीनियरिंग कॉलेजो को दी राहत, छात्रो से लेंगे पुरानी बढ़ी फीस
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इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग की शिक्षा दे रहे प्राइवेट कॉलेजो को राहत दी है। बीटेक, एमटेक और एमबीए कोर्स की पढ़ाई के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग द्वारा कम की गई फीस के खिलाफ इंजीनियरिंग कॉलेज की याचिका पर कोर्ट ने आदेश दिया है कि कॉलेज सरकार द्वारा कम की गई फीस की जगह 2013 में बढ़ी हुई फीस छात्रों से लें।

सरकार के एडमिशन एंड फीस फिक्शेसन कमेटी ने अभी हाल ही में 9 जून 2017 को तय किया था कि प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज वर्ष 2017-18, 18-19 और 19-20 में बीटेक, एमटेक, एमबीए आदि की पढ़ाई के लिए छात्रों से 68 हजार 424 रुपए फीस लेंगे। जबकि साल 2013 में सरकार का फैसला था कि इंजीनियरिंग कॉलेज उक्त सभी कोर्स की पढ़ाई के लिए छात्र से 86 हजार 800 रुपए बतौर फीस चार्ज करेगा।

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कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को किया अंदेखा

मथुरा के हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने याचिका दायर कर सरकार के फीस कम करने के फैसले को चुनौती दी थी। याची के वकील अनूप त्रिवेदी का तर्क था कि यूपी सरकार के प्राविधिक शिक्षा विभाग ने बिना कोई कारण बताए कॉलेजो की फीस कम कर दी है। कहा गया कि फीस कम करने मे कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्यान में नहीं रखा गया।

पुरानी बढ़ी फीस का दिया निर्देश

अधिवक्ता का तर्क था कि जब सरकार ने खुद ही 26 अगस्त 2013 को 86,800 रुपए फीस तय की थी। वहीं 2017 मे फीस कम कर 68,424 रुपए करने का कोई कारण नही था। फिलहाल, कोर्ट ने इंजीनियरिंग कॉलेजों के पक्ष मे आदेश पारित कर उसे पुरानी बढ़ी फीस छात्रों से लेने का निर्देश दिया है।

फीस 6% की दर से होगी वापस

सरकार से याचिका पर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है कि यदि इंजीनियरिंग कॉलेज केस हार जाता है तो उसे ली गयी बढ़ी फीस छात्रो को 6% की दर से वापस करना होगा। यह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल ने प्राइवेट मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज की याचिका पर दिया है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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