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Video-अम्बेडकर विश्वविद्यालय: हॉस्टल नहीं मिलने से नाराज़ दलित छात्र ने गाड़ा तम्बू
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थान राजनीति का अड्डा बनते जा रहे हैं। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर से शुरू हुवे बवाल से लेकर बीएचयू वाराणसी में बवाल के बाद अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में भी बखेड़ा खड़ा हो गया है।
हास्टल आवण्टन नहीं होने से नाराज़ दलित छात्र रोहित सिंह ने विश्वविद्यालय कैम्पस में ही तम्बू गाड़ कर हंगामा खड़ा कर दिया है। रोहित विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा का टॉपर है। अम्बेडकर विश्यविद्यालय में इस से पहले दलित छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप लगता रहा है।
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टॉपर रोहित सिंह कैम्पस में तम्बू गाड़ कर पढ़ाई करने को मजबूर
अम्बेडकर विशवविद्यालय का टॉपर रोहित सिंह कैम्पस में तम्बू गाड़ कर पढ़ाई करने को मजबूर है। संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेडकर के नाम पर इस यूनिवर्सिटी पर दलितों के उत्पीड़न का आरोप पहले से लगता रहा है। अब रोहित के तम्बू काण्ड ने विश्वविद्यालय प्रशासन की नींद उड़ा दी है।
रोहित ने अम्बेडकर विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में टॉप किया था। जिस के बाद उस को एमए शिक्षा शास्त्र में एडमिशन मिला था। रोहित का आरोप है, कि बार बार अनुरोध किये जाने के बाद भी उसे हॉस्टल नहीं मिला जिस की वजह से परेशान होकर वो तम्बू में रहने को मजबूर है। रोहित का आरोप है, कि छात्रावासों में कमरे खाली हैं। लेकिन उसे दलित होने की वजह से आवण्टित नहीं किया जा रहा है।
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पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर लग चुका है दलितों के उत्पीड़न का आरोप
इससे पहले भी विश्वविद्यालय प्रशासन पर दाखिले के नाम दलितों के उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। छात्रों ने अम्बेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया था, कि विश्वविद्यालय में दाखिले के वक्त प्रशासन जाति के आधार पर दाखिला दे रहा है। जिससे दलित छात्र शिक्षा से वंचित हो जाते है।विश्वविद्यालय में 50 फीसदी सीट एसएसी एसटी के छात्रों के लिए रिज़र्व रहती हैं।