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वेटनरी व एनिमल साइंस में करें पीएचडी और मास्टर्स प्रोग्राम

raghvendra
Published on: 21 July 2018 12:12 PM IST
वेटनरी व एनिमल साइंस में करें पीएचडी और मास्टर्स प्रोग्राम
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केरल वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी वायनाड, केरल की ओर से डॉक्टरल और मास्टर्स कोर्स में सत्र 2018-19 में एडमिशन के लिए आवेदन आमंत्रित किए गये हैं। वेटरनरी और एनिमल साइंसेज में कॅरियर बनाने के इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी पीएचडी, एम.टेक.,एम.एस.,एमएससी प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं और सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं क्योंकि इस फील्ड में काफी रोजगार मिल रहे हैं।

कोर्स के बारे जानकारी

मास्टर्स प्रोग्राम के लिए बैचलर और पीएचडी के लिए मास्टर्स की डिग्री अच्छे नंबर्स के साथ जरूरी है। यहां दो वर्षीय एम.टेक. प्रोग्राम डेयरी टेक्नोलॉजी, डेयरी माइक्रोबायोलॉजी व डेयरी केमिस्ट्री में उपलब्ध है। वहीं एमएससी प्रोग्राम बायोस्टेटिस्टिक्स, क्वालिटी कंट्रोल इन डेयरी इंडस्ट्री, बायोकेमिस्ट्री एंड मॉलेक्यूलर बायोलॉजी, एनिमल माइक्रोबायोलॉजी, एनिमल साइंस आदि में संचालित किए जाते हैं। एडमिशन के लिए पूरी तरह से भरे हुए फॉर्म की हार्ड कॉपी जमा कराने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। 1 से 10 अगस्त तक हॉल टिकट डाउनलोड किए जा सकते हैं। 14 अगस्त को एमबीएससी/एमटेक और 30 अगस्त को पीएचडी के लिए एंट्रेंस एग्जाम होगा। क्लासेज 12 सितम्बर से शुरू होंगी।

फॉर्म भरते समय इनका रखें ध्यान

आवेदक फॉर्म भरते समय ध्यान रखें कि फोटो और सिग्नेचर की साइज 30 केबी से ज्यादा न हो।

एप्लीकेशन फीस के लिए डिमांड ड्राफ्ट फाइनेंस ऑफिसर, केरल वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी, पुकोडे, वायनाड के फेवर में और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, कलपेट्टा में पेयेबल हो। क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग से पेमेंट करने वालों को 20 रुपए अधिक जमा कराने होंगे। फॉर्म के साथ 1000 (सामान्य वर्ग) व 500 रुपए (एससी/एसटी) एप्लीकेशन फीस जमा करानी होगी। ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद उसका प्रिंट लेकर हार्ड कॉपी यूनिवर्सिटी को भेजनी होगी।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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